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कॉलेजियम की आलोचनाओं पर बोले CJI चंद्रचूड़- लोकतंत्र में कोई भी संस्था परफेक्ट नहीं - Kiren Rijiju

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने कहा कि लोकतंत्र में कोई भी संस्था परफेक्ट नहीं है. उक्त बातें उन्होंने संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में कहीं.

CJI DY Chandrachud
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़

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Published : Nov 25, 2022, 9:33 PM IST

नई दिल्ली :भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने कहा कि लोकतंत्र में कोई भी संस्था परफेक्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि सभी संविधान के मौजूदा ढांचे के भीतर काम करते हैं. दरअसल सीजेआई सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम सिस्टम की हो रही आलोचनाओं पर बोल रहे थे. संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में सीजेआई चंद्रचूड़ ने कॉलेजियम की आलोचना पर कहा, 'लोकतंत्र में कोई भी संस्था परफेक्ट (पूर्ण) नहीं है लेकिन हम संविधान के मौजूदा ढांचे के भीतर काम करते हैं जैसा कि इसकी व्याख्या की जाती है.'

सीजेआई ने कहा कि कॉलेजियम सिस्टम की आलोचना होती है, लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि सभी जज संविधान के सिपाही हैं. उन्होंने कहा कि लोगों का हित सिर्फ जनहित याचिका से नहीं होता है बल्कि इस बात से होता है कि न्याय तक सभी की पहुंच हो. बता दें कि कुछ दिन पहले केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट की मौजूदा कॉलेजियम प्रणाली अपारदर्शी है. रिजीजू ने कहा कि सबसे योग्य व्यक्ति को न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जाना चाहिए, न कि किसी ऐसे व्यक्ति को जिसे कॉलेजियम जानता हो. उन्होंने कहा था, 'मैं न्यायपालिका या न्यायाधीशों की आलोचना नहीं कर रहा हूं. मैं सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की वर्तमान प्रणाली से खुश नहीं हूं. कोई भी प्रणाली सही नहीं है. हमें हमेशा एक बेहतर प्रणाली की दिशा में प्रयास करना और काम करना है.'

भारत के मुख्य न्यायधीश ने कहा कि संविधान का सही से काम करना इस बात पर निर्भर करता है कि जिला न्यायपालिका कैसे काम कर रही है. उन्होंने कहा, 'जब हम संविधान का जश्न मनाते हैं तो हमें संविधान को अपनाने से पहले के इतिहास के बारे में जानना चाहिए.' 26 नवंबर को देश भर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. इसमें पीएम मोदी भी भाग लेंगे. मुख्य न्यायधीश ने आगे कहा कि कानूनी पेशे को अपने औपनिवेशिक आधारों को दूर करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह से सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रतिदिन 10 जमानत याचिकाओं पर सुनवाई की जाएगी और छुट्टी से पहले हर दिन 130 स्थानांतरण याचिकाओं का निस्तारण किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि भारत में गर्मियों में जलवायु परिवर्तन के कारण अत्यधिक गर्मी होती है. ऐसे में हमें विशेष रूप से गर्मियों में वकीलों के लिए सख्त ड्रेस कोड पर पुनर्विचार करना चाहिए. कार्यक्रम में उन्होंने आने वाले सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट के काम काज के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट की प्रत्येक पीठ 10 जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करेगी.

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