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नई कर व्यवस्था में 7.27 लाख रुपये तक सालाना आय पर कोई आयकर देने की जरूरत नहीं: सीतारमण - income tax

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा कि 7.27 लाख सालाना आय वाले लोगों को कोई आयकर नहीं देना होगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने मध्यम वर्ग के लिए कई लाभ दिए हैं. पढ़िए पूरी खबर...

Finance Minister Nirmala Sitharaman
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

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Published : Jul 16, 2023, 8:17 PM IST

उडुपी (कर्नाटक) : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने मध्यम वर्ग के लोगों को कई कर लाभ दिए हैं. इसमें 7.27 लाख सालाना आय वाले लोगों को आयकर से छूट शामिल है. सीतारमण ने कहा कि सरकार समाज के हर व्यक्ति को साथ लेकर चल रही है. जब 2023-24 के केंद्रीय बजट में सात लाख रुपये तक की कमाई वालों के लिए आयकर छूट प्रदान करने का फैसला किया गया था, तब कुछ तबकों में इसको लेकर संदेह जताया गया था. संदेह इस बात को लेकर था कि सात लाख रुपये से कुछ अधिक की कमाई वाले का क्या होगा.

वित्त मंत्री ने कहा, 'इसलिए, हमने यह पता लगाने के लिये कि आप प्रत्येक अतिरिक्त एक रुपये के लिए किस स्तर पर कर का भुगतान करते हैं, एक टीम के रूप में बैठकर विचार किया... उदाहरण के लिए 7.27 लाख रुपये के लिए, अब आप कोई कर नहीं देते हैं। आप तभी कर देते हैं, जब कमाई इससे ऊपर होती है. उन्होंने कहा, 'आपके पास 50,000 रुपये की मानक कटौती भी है. नई योजना के तहत, शिकायत यह थी कि कोई मानक कटौती नहीं थी. यह अब दी गई है। हम भुगतान दर और अनुपालन पक्ष में सरलता लाए हैं.'

सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) का कुल बजट 2013-14 में 3,185 करोड़ रुपये था, जो 2023-24 में बढ़कर 22,138 करोड़ रुपये हो गया है. सीतारमण ने कहा कि यह नौ साल में बजटीय आवंटन में लगभग सात गुना बढ़ोतरी है. यह छोटे उद्यमों को सशक्त बनाने के लिये सरकार की प्रतिबद्धता को बताता है. उन्होंने कहा कि सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिये सार्वजनिक खरीद नीति के तहत केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के 158 उद्यमों ने कुल खरीद का 33 प्रतिशत एमएसएमई से किया है और यह अब तक का सबसे अधिक है.

वित्त मंत्री ने कारोबार सुगम बनाने के लिये उठाये गये कदमों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि विश्व बैंक के कारोबार सुगमता सूचकांक में देश की रैंकिंग 2014 में 142 थी जो 2019 में सुधरकर 63 हो गई है. उन्होंने कहा, 'हमने 1,500 से अधिक पुराने कानूनों और लगभग 39,000 अनुपालनों को निरस्त करके अनावश्यक अनुपालन बोझ को कम किया है. कंपनी अधिनियम को अपराधमुक्त कर दिया गया है.' वित्त मंत्री ने उडुपी में इंडियन इस्टीट्यूट ऑफ जेम्स एंड जूलरी (आईआईजीजे) में सामान्य सुविधा केंद्र (सीएफसी) का भी उद्घाटन किया. उल्लेखनीय है कि उन्होंने 2017 में वाणिज्य और उद्योग मंत्री के रूप में उडुपी में आईआईजीजे की आधारशिला रखी थी. यह संस्थान क्षेत्र के युवाओं को हस्तनिर्मित आभूषण बनाने के विभिन्न पहलुओं में प्रशिक्षण प्रदान करेगा.

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(पीटीआई-भाषा)

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