नई दिल्ली :NeoCov भारत के लिए कोई आसन्न खतरा नहीं है. ईटीवी भारत के जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी संस्थान (आईजीआईबी) के वैज्ञानिक विनोद स्कारिया ने कहा कि IGIB भारत का प्रमुख संस्थान है जो जीनोमिक्स, आणविक चिकित्सा और जैव सूचना विज्ञान के अनुसंधान क्षेत्र में लगा हुआ है.
यह कहते हुए कि NeoCov नया संस्करण नहीं है, स्कारिया बोले कि यह एक बैट कोरोना वायरस है और यह मनुष्यों को संक्रमित नहीं करता है. स्पिल ओवर की घटनाएं जानवरों से दुर्लभ हैं. NeoCov की पहचान सबसे पहले चमगादड़ों की एक प्रजाति में की गई थी जिसे Neoromicia के नाम से जाना जाता है. NeoCov का जीनोम MERS-CoV के समान (85 प्रतिशत) है. स्कारिया ने कहा कि NeoCov वर्तमान में जानवरों के बीच फैल गया है.
यह बताते हुए कि NeoCov की स्पिल ओवर घटनाएं जानवरों से दुर्लभ है. स्कारिया ने कहा कि NeoCov स्वाभाविक रूप से मानव एसीई रिसेप्टर्स से नहीं जुड़ सकता है लेकिन कृत्रिम उत्परिवर्तन बाइंडिंग को बढ़ा सकते हैं. हालांकि वुहान विश्वविद्यालय और चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज इंस्टीट्यूट ऑफ बायोफिजिक्स के शोधकर्ताओं के अनुसार मानव कोशिकाओं में घुसपैठ करने के लिए वायरस के लिए केवल एक उत्परिवर्तन की आवश्यकता होती है.