नई दिल्ली: हज 2022 यात्रियों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सब्सिडी हटाने से हज यात्रियों पर किसी तरह का आर्थिक बोझ नहीं पड़ा है. उन्होंने कहा कि भले ही इस साल सऊदी अरब द्वारा सभी देशों के तीर्थयात्रियों का कोटा कोविड प्रतिबंधों के कारण कम कर दिया गया हो लेकिन भारत का हज कोटा अभी भी कई प्रमुख इस्लामी राष्ट्रों की तुलना में अधिक है.
नकवी ने कहा कि भारत का हज कोटा 79237 है, जिससे केवल इंडोनेशिया (100051) और पाकिस्तान (81132) का कोटा अधिक है. नकवी ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने पूरी हज प्रक्रिया में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं, जिससे यह पूरी तरह पारदर्शी हो गया है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने व्यवस्था की है ताकि दो साल के बाद हज यात्रा करने वाले हज यात्रियों पर अनावश्यक वित्तीय बोझ न पड़े. नकवी ने कहा कि मोदी सरकार ने दशकों से चली आ रही हज सब्सिडी के राजनीतिक धोखे को पारदर्शिता और डिलीवरी के साथ फैसलों की प्रतिबद्धता के साथ खत्म किया है. सरकार ने 2018 में हज सब्सिडी को खत्म कर दिया था.
पूरी प्रक्रिया डिजिटल:नकवी ने कहा कि 100 प्रतिशत डिजिटल/ऑनलाइन हज प्रक्रिया ने भारतीय मुसलमानों के लिए हज करने में आसानी के सपने को पूरा किया है. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा कि डिजिटल/ऑनलाइन हज प्रक्रिया डिजिटल इंडिया के सर्वोत्तम उदाहरणों में से एक है. हज 2022 महत्वपूर्ण सुधारों के साथ हो रहा है. जिसमें तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य और कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है.
महिलाओं के लिए व्यवस्था: नकवी ने कहा कि पूरी हज 2022 प्रक्रिया को भारतीय और सऊदी अरब सरकारों के आवश्यक दिशानिर्देशों के साथ तैयार किया गया है. इनमें पात्रता मानदंड, आयु सीमा और स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताएं शामिल हैं. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के हज सुधारों में दशकों पुरानी हज सब्सिडी को खत्म करना और मेहरम (पुरुष साथी) के साथ हज करने के लिए महिलाओं पर प्रतिबंध को हटाना शामिल है. जिसने सुनिश्चित किया कि 3000 से अधिक मुस्लिम महिलाओं ने मेहरम के बिना हज किया है. नकवी ने कहा कि करीब 2000 मुस्लिम महिलाएं मेहरम के बिना हज 2022 के लिए जा रही हैं.