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बिहार : ऑक्सीजन की किल्लत से पटना के अस्पतालों में मरीजों की 'NO ENTRY'

कोरोना के दूसरे स्ट्रेन के चलते देशभर में हायतौबा मची है. बिहार में सारे इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं. ज्यादातर अस्पताल फुल हैं. अस्पतालों में जिन्हें बेड मिल भी गए हैं, वे ऑक्सीजन के लिए जूझ रहे हैं. ऑक्सीजन नहीं होने के कारण कई अस्पतालों ने तो 'नो एंट्री' का बोर्ड भी लगा दिया हैं. देखिए ये रिपोर्ट.

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Published : Apr 18, 2021, 5:20 PM IST

ऑक्सीजन की किल्लत
ऑक्सीजन की किल्लत

पटना: बिहार में कोरोना वायरस काफी तेजी से अपने पांव पसार रहा है. आए दिन पटना में रोजोना 1000 से 2000 कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. मौतों का आंकड़ा भी काफी तेजी से बढ़ने लगा है. कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ ही पटना में ऑक्सीजन की किल्लत शुरू हो गई है. अब तो कई बड़े अस्पतालों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं. ऑक्सीजन नहीं होने के कारण कई अस्पतालों ने तो 'NO ENTRY' के बोर्ड भी लगा दिए हैं.

बिहार में सारे इंतजाम नाकाफी

अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत
पटना के कई बड़े अस्पताल ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी से जूझ रहे हैं. इन अस्पतालों ने तो यहां तक कह दिया है कि अगर आपके पास ऑक्सीजन सिलेंडर हैं, तो ही इलाज के लिए आइए. जब इनका ये हाल है तो जिलों और ब्लॉक लेवल के अस्पतालों का तो भगवान ही मालिक है.

ऑक्सीजन की कमी से हांफ रहा प्रशासन

इन अस्पतालों में मरीजों की 'नो एंट्री'

  • फोर्ड अस्पताल
  • जगदीश मेमोरियल अस्पताल
  • ऑक्सीजोन अस्पताल
  • हाइटेक हॉस्पिटल
  • पल्स इमरजेंसी अस्पताल
  • समय हॉस्पिटल
  • पारस हॉस्पिटल
  • कुर्जी होली फैमिली

निजी अस्पतालों का डीएम को त्राहिमाम संदेश
पटना में हालात ये है कि निजी अस्पतालों ने डीएम को त्राहिमाम संदेश भेजा है. ऑक्सीजन की कमी के चलते अस्पताल प्रबंधन कोविड-19 मरीज भर्ती करने से इंकार कर रहा है. पटना शहर में भी ऑक्सीजन का काफी अभाव है और दर्जन भर से ज्यादा निजी अस्पताल ने पटना के जिलाधिकारी को त्राहिमाम संदेश भेजा है. ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर जिलाधिकारी से अस्पताल प्रबंधन ने अनुरोध किया है.

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ऑक्सीजन की कमी से हांफ रहा प्रशासन
पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने प्रोडक्शन के 90% ऑक्सीजन सिलेंडर अस्पतालों को देने के निर्देश दिए हैं. वहीं, जिला प्रशासन ने ऑक्सीजन गैस सप्लाई करने वाले सभी तीनों प्लांटों पर मजिस्ट्रेट रैंक के अधिकारियों की तैनाती कर दी है. सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में सामान्य तौर पर हर दिन 5 हजार सिलेंडर की डिमांड है, लेकिन आपूर्ति मात्र 50% हो रही है.

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ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराने सेल गठित करने का निर्देश

पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह का कहना है कि अस्पतालों में आवश्यकता अनुरूप ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराने के लिए एक सेल का गठन करने का निर्देश दिया है. इसमें महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, औषधि निरीक्षक और बियाड़ा के एक अधिकारी को शामिल किया जाएगा. अस्पताल प्रतिदिन की आवश्यकता के अनुसार ही ऑक्सीजन सिलेंडर प्राप्त करेंगे. इसका अवैध भंडारण नहीं किया जाएगा.

वहीं इस बारे में ऊषा एयर प्रोडक्ट्स लिमिटेड पटना के मैनेजर विनोद ने बताया कि केमिकल की कमी की वजह से उनके प्लांट में पहुंचने वाले प्राइवेट अस्पतालों के कर्मियों को ऑक्सीजन गैस की आपूर्ति डिमांड के अनुसार नहीं कर पा रहे हैं. हम लोगों की पहली प्राथमिकता सरकारी अस्पतालों की होती है.

देखिये रिपोर्ट

अस्पताल दर अस्पताल भटक रहे मरीज
पटना में सीतामढ़ी से इलाज के लिए आए एक युवक गाय घाट स्थित किसी निजी अस्पताल में भर्ती था. लेकिन, निजी अस्पताल में उसे गंभीर बताकर पीएमसीएच रेफर कर दिया, लेकिन पीएमसीएच में भी उसे एडमिट नहीं किया गया.

ऑक्सीजन संकट से मचा त्राहिमाम
परिजनों बताया कि वो कई निजी अस्पतालों में भी गए लेकिन वहां भी या तो बेड नहीं है या ऑक्सीजन नहीं है. अब परिजन मरीज को लेकर दर-दर भटकने को मजबूर हैं. भले ही 14 और प्राइवेट अस्पतालों को कोविड के इलाज की अनुमति मिलने से इनकी संख्या 47 हो गई है, लेकिन ऑक्सीजन के भीषण संकट से त्राहिमाम मच गया है.

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ऑक्सीजन के अभाव में जा रही है जान
पटना के तमाम अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत से एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाने के दौरान कई मरीजों की सांसें थम जा रही हैं और परिजन रोड पर ही मातम मनाने को मजबूर हैं. जिला प्रशासन ने जल्द ही सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन मुहैया कराने की घोषणा की है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. अब देखना ये है कि सरकार की नींद अब भी खुलती है या ऑक्सीजन के अभाव में प्रदेश में मौतें होती रहेंगी.

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