नई दिल्ली : समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) के कार्यान्वयन पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है. यह जानकारी केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Union Law minister Kiren Rijju) ने समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए सरकार द्वारा विधेयक लाने के प्रस्ताव के सवाल के जवाब में शुक्रवार को दी. वहीं कानून मंत्री ने इस बारे में बताया कि लिंग के अलावा धर्म तटस्थ समान कानूनों को सुनिश्चित करने के लिए कानूनी हस्तक्षेप है और राज्यों को भी उन पर कानून बनाने का अधिकार है.
उन्होंने बताया कि 21वें विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता की जांच की थी और आगे की चर्चाओं को आमंत्रित करने के लिए अपने पोर्टल पर 'परिवार कानून का सुधार' अपलोड किया था. साथ ही उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता संविधान के अनुच्छेद 44 में विवाह, तलाक गोद लेने, विरासत आदि पर समान व्यक्तिगत कानूनों की मांग है. वर्तमान में विभिन्न समुदायों के लिए विभिन्न कानून हैं जैसे हिंदू विवाह अधिनियम, हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, पारसी विवाह और तलाक अधिनियम आदि. इसके अलावा निर्देशक सिद्धांत लागू करने योग्य नहीं हैं लेकिन उन्हें सही समय पर कानून बनाने के इरादे से संविधान में शामिल किया गया था.