इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने के लिये विपक्षी दलों के साथ अब सहयोगी दल भी शामिल होते दिख रहे हैं, जिससे इमरान खान की मुश्किलें और बढ़ गयी हैं. पाकिस्तान की 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में इमरान के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर 172 सदस्यों की मुहर चाहिये, तभी यह प्रस्ताव पारित हो सकता है.
इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के पास 156 सीटें थीं, लेकिन एक सांसद की मौत के बाद से वह सीट खाली है. इमरान की पार्टी को मुत्ताहिद कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (सात सीट), बलूचिस्तान आवामी पार्टी (पांच सीट), पाकिस्तान मुस्लिम लीग (कायद) (पांच सीट), ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस (तीन सीट),आवामी मुस्लिम लीग-पाकिस्तान (एक सीट), जम्हूरी वतन पार्टी (एक सीट) और एक निर्दलीय का समर्थन प्राप्त है. इन सबको मिलाकर इमरान खान को 178 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है.
लेकिन इमरान की पार्टी को समर्थन देने वाले पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद (पीएमएल-क्यू) का कहना है कि प्रधानमंत्री की कुर्सी अविश्वास प्रस्ताव के कारण शत प्रतिशत खतरे में हैं. पीएमएल-क्यू के नेता एवं पंजाब एसेंबली के स्पीकर चौधरी परवेज इलाही ने इमरान की बदले की नीति की कटु आलोचना करते हुये कहा है कि यह देश को चलाने का तरीका नहीं है.
उन्होंने कहा कि इमरान पूरी तरह मुसीबत में हैं क्योंकि उनकी सहयोगी पार्टियां अब विपक्ष के साथ खड़ी हैं. इमरान की सरकार में बुद्धिमता और समझदारी की कमी है. प्रधानमंत्री में बदले की खूब इच्छा है और इस बात का सबूत यह है कि वह सबको नेशनल अकांउटेबिलिटी ब्यूरो (नैब) की धमकी देते हैं. यह शासन करने का तरीका नहीं है.