इस्लामाबाद: पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में विपक्ष ने सोमवार को इमरान खान (Imran Khan) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया. प्रस्ताव पेश होने के बाद संसद की कार्यवाही 31 मार्च की शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. नेशनल असेंबली में नेता प्रतिपक्ष शाहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया. प्रस्ताव पर 31 मार्च को चर्चा होगी. अविश्वास प्रस्ताव को सफल बनाने के लिए विपक्ष को कम से कम 172 सांसदों के वोट चाहिए. इमरान खान के खिलाफ़ आज पेश हुए अविश्वास प्रस्ताव को विपक्ष के 161 सांसद फिलहाल समर्थन दे रहे हैं.
पाकिस्तानी संसद (नेशनल असेंबली) के सचिवालय के समक्ष विपक्षी दलों ने गत आठ मार्च को प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सौंपा था. विपक्ष ने आरोप लगाया था कि इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी की सरकार देश में बढ़ती महंगाई और आर्थिक संकट के लिए जिम्मेदार है. इसके बाद से देश की राजनीति में अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे है. विपक्ष ने सदन के अध्यक्ष से 14 दिन के भीतर सत्र बुलाने का अनुरोध किया था.
देश के गृह मंत्री शेख राशिद (Interior Minister Sheikh Rashid) ने संवाददाताओं से कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर 31 मार्च को फैसला किया जाएगा और प्रधानमंत्री इमरान खान कहीं नहीं जा रहे हैं. उन्होंने कहा, 'खासकर एक दिन पहले इस्लामाबाद में हुई इमरान खान की 'शानदार' रैली के बाद, लोगों को यह नहीं सोचना चाहिए कि उनकी राजनीति अब हाशिये पर है.' उन्होंने इस अविश्वास प्रस्ताव को 'पाकिस्तान को कमजोर करने की साजिश' करार दिया.
राशिद ने वही बात दोहराई जो रविवार को इमरान खान ने इस्लामाबाद में एक रैली में कही थी. राशिद ने कहा कि उनकी सरकार को अपदस्थ करने की अंतरराष्ट्रीय साजिश रची जा रही है, लेकिन उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि उन्हें उस पत्र के बारे में कोई जानकारी नहीं है, जिसका जिक्र खान ने अपने भाषण में किया था. खान ने यहां रविवार को एक विशाल रैली को संबोधित किया था जिसमें उन्होंने दावा किया था कि उनकी गठबंधन सरकार गिराने की 'साजिश' में विदेशी ताकतों का हाथ है.
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