नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court ) ने बुधवार को कहा कि महामारी की तीसरी लहर की आशंका के बीच कोविड-19 से निपटने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में तरल चिकित्सकीय ऑक्सीजन के बफर स्टॉक के लिए केन्द्र द्वारा उठाए गए कदमों में कोई स्पष्टता नहीं है.
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार की स्थिति रिपोर्ट यह पता नहीं चलता है कि तरल ऑक्सीजन का बफर स्टॉक वास्तव में दिल्ली के उपयोग के लिए बनाया गया है और वह सिर्फ यहां ऑक्सीजन भंडारण क्षमता को बढ़ाने की बात करता है.
पीठ ने कहा, 'आज हालात भले ही सही लग रहे हो, लेकिन सभी ने देखा कि अप्रैल-मई में क्या हुआ. इससे बचने का (तरल ऑक्सीजन के बफर स्टॉक से) कोई रास्ता नहीं है. यह बीमा की तरह है.'
अदालत ने यह भी कहा कि अप्रैल में उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद से ही वह इस मुद्दे को उठा रही है.