मुंबई : जब भी मुंबई की चर्चा होती है, तो आपके मन में जो पहली छवि उभरती है, उनमें से एक छवि काली-पीली टैक्सी की जरूर होती है. यह पिछले 60 सालों से मुंबई की पहचान से जुड़ी है. लेकिन सोमवार से यह टैक्सी नहीं दिखेगी. हमलोग इसे प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी के नाम से जानते रहे हैं.
इसकी शुरुआत 1964 में हुई थी. फिएट 1100 डिलाइट इसका मॉडल था. स्टीयरिंग माउंटेड गियर शिफ्टर के साथ 1200सीसी का इसका इंजन था. बड़ी टैक्सी के मुकाबले यह दिखने में छोटी लगती थी. स्थानीय लोग इसे दुक्कार फिएट भी कहते थे. मुंबई में आपको कहीं भी जाना हो, तो लोग इसे प्राथमिकता देते थे.
1970 में इसकी नई ब्रांडिंग की गई. इसे प्रीमियर प्रेसिडेंट के नाम से जाना जाने लगा. और उसके बाद इसे नया नाम मिला- प्रीमियर पद्मिनी. इसे बनाने वाली कंपनी प्रीमियर ऑटोमोबाइल लि. ने इसके बाद फिर कभी नया नाम नहीं दिया. कंपनी ने 2001 में ही इसका प्रोडक्शन बंद कर दिया था. उसके बाद से वही कार चलती रही, तो तब तक बिक चुकी थी. मुंबई की लास्ट रजिस्टर्ड प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी एमएच-01-जेए-2556 है. इसकी आयु आज खत्म हो रही है. इस कार की मालिक प्रभादेवी हैं. उन्होंने मीडिया को बताया कि उन्हें इस टैक्सी के जाने का दुख है. उन्होंने कहा कि यह मुंबई की शान है और हमारी जान है.
मुंबई सिटी में टैक्सी की आयु 20 साल निर्धारित है. इसके बाद उसे सड़क से हटना ही होता है. इस टैक्सी की लोकप्रियता तीन कारणों से बढ़ी थी. टिकाऊपन, रिजनेबल भाड़ा और कार के अंदर पर्याप्त स्पेस. इसे आपने वॉलीवुड की कई फिल्मों में भी देखा होगा. अब यह मुंबई की संस्कृति और इतिहास का हिस्सा होगी. क्योंकि मुंबई की पब्लिस ट्रांसपोर्ट व्यवस्था में व्यापक बदलाव किया जा रहा है, लिहाजा इसे फेज आउट किया गया है. इस समय एप बेस्ड सेवा और इलेक्ट्रिक टैक्सी काफी लोकप्रिय है.
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