दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

बेंगलुरु में कोरोना का हाहाकार, अस्पताल और श्मशान के बाहर लंबी कतार

कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई हर रोज मुश्किल होती जा रही है. स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है. चारो तरफ अव्यवस्था व्याप्त है. कर्नाटक के बेंगलुरु का हाल भी कुछ ऐसा ही है. ऑक्सीजन सिलेंडर, आईसीयू बेड, वेंटीलेटर आदि के लिए लोग दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. और जो इस जंग में हार जा रहे हैं उनको लेकर परिजन श्मशानों या कब्रिस्तानों के बाहर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं.

horrible situation in bengaluru
horrible situation in bengaluru

By

Published : Apr 21, 2021, 7:39 AM IST

बेंगलुरु :कोरोना वायरस की दूसरी लहर से कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में हाहाकार मचा हुआ है. मरीजों को आईसीयू और ऑक्सीजन सिस्टम की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. लोग अपने बीमार परिजनों को एंबुलेंस में लेकर दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं.

सरकार तमाम तरह के दावे कर रही है, हालांकि जमीनी सच्चाई कुछ और ही है. उदाहरण के लिए येलहंका सार्वजनिक अस्पताल में ऑक्सीजन लेने के लिए लंबी लाइन लगी थी. लोगों को खड़े-खड़े घंटों बीत गए, लेकिन ऑक्सीजन की व्यवस्था होते नजर नहीं आ रही थी. आलम यह है कि जिस अस्पताल के बाहर लोग और सरकारी एंबुलेंस ऑक्सीजन के लिए खड़े हैं, उसे खुद 10 सिलेंडरों की जरूरत है.

शहर में सरकारी अस्पतालों की हालत खराब है. एक अस्पताल ने तो दरवाजे पर 'नो बेड' का बोर्ड लगा दिया. यह घटना शिवाजीनगर के चरक सरकारी अस्पताल की है. अस्पताल में कोरोना संक्रमितों की लिए 50 बेड का इंतजाम किया गया था, हालांकि वह भर गए हैं. इसलिए अस्पताल प्रशासन को 'नो बेड' का बोर्ड लगाना पड़ा और दरवाजा बंद करना पड़ा.

कोरोना संक्रमण के तेजी से फैलने के कारण ऑक्सीजन की खपत भी तेजी से बढ़ी है. शहर में अव्यवस्था इस कदर फैली हुई है कि खुद डॉक्टर को एंबुलेंस में बैठकर मरीजों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर खोजने निलना पड़ा.

बताया जा रहा है कि शहर के अत्रेया अस्पताल के डॉक्टर नारायण स्वामी पूरी रात ऑक्सीजन की तलाश में भटकते रहे. जानकारी के अनुसार पांच मरीजों की हालत गंभीर थी और ऑक्सीजन भी खत्म हो रही थी. मडिया के दखल के बाद जैसे-तैसे एक सिलेंडर अस्पताल पहुंचा.

कोरोना संक्रमण फेफड़ों के प्रभावित करता है. जिन मरीजों की हालत गंभीर होती है, उन्हें आईसीयू और वेंटीलेटर की जरूरत पड़ती है. इंद्रानगर में स्थित ईएसआई अस्पताल में मरीजों को बिना आईसीयू बेड के इस घातक संक्रमण से लड़ना पड़ रहा है. वहीं केसी अस्पताल में एक 45 वर्षीय व्यक्ति को किसी तरह बेड तो मिल गया, लेकिन ऑक्सीजन की कमी के कारण मंगलवार को उनका निधन हो गया.

पढ़ें-सरकार ने रेमडेसिविर, इसके एपीआई पर आयात शुल्क समाप्त किया

कोरोना का तांडव ऐसा है कि अस्पताल और श्मशान/कब्रिस्तान के बाहर लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है. अव्यवस्था के कारण जिन लोगों की मौत हो गई उनके परिजनों को अंतिम क्रिया के लिए भी कतारों में लगना पड़ रहा है.

अभिनेता साधू कोलिका ने बताया कि उनके एक करीबी को ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत थी, लेकिन उन्हें सिलेंडर नहीं मिला, ऐसे में चिंताजनक बात यह है कि अगर संपन्न और समरिद्ध लोगों का यह हाल है तो गरीब के पास शायद ही कोई चारा बचता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details