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एनजेडीजी के अनुसार वकीलों की अनुपलब्धता के कारण 63 लाख मामलों में देरी हुई: सीजेआई चंद्रचूड़

आंध्र प्रदेश न्यायिक अकादमी के उद्घाटन के अवसर पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ( Chief Justice of India DY Chandrachud) ने कहा कि देश में 63 लाख से ज्यादा मामले वकीलों के उपलब्ध नहीं होने की वजह से पेंडिंग हैं.

CJI DY Chandrachud
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़

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Published : Dec 30, 2022, 4:04 PM IST

अमरावती : प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ( Chief Justice of India DY Chandrachud) ने शुक्रवार को यहां कहा कि देश भर में 63 लाख से अधिक मामले वकीलों की अनुपलब्धता के कारण और 14 लाख से अधिक मामले दस्तावेजों या रिकॉर्ड के इंतजार में लंबित हैं. आंध्र प्रदेश न्यायिक अकादमी के उद्घाटन के अवसर पर न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि लोगों को जिला अदालतों को अधीनस्थ न्यायपालिका के रूप में मानने की औपनिवेशिक मानसिकता से छुटकारा पाना चाहिए क्योंकि जिला अदालतें न केवल न्यायपालिका की रीढ़ हैं, बल्कि अनेक लोगों के लिए न्यायिक संस्था के रूप में पहला पड़ाव भी हैं.

उन्होंने कहा कि जमानत आपराधिक न्याय प्रणाली के सबसे मौलिक नियमों में से एक है, न कि जेल. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि फिर भी व्यवहार में भारत में जेलों में बंद विचाराधीन कैदियों की संख्या एक विरोधाभासी तथा स्वतंत्रता से वंचित करने की स्थिति को दर्शाती है. प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रिड (NJDG) के अनुसार 14 लाख से अधिक मामले किसी तरह के रिकॉर्ड या दस्तावेज के इंतजार में लंबित हैं, जो अदालत के नियंत्रण से परे है.

उन्होंने कहा, 'इसी तरह, एनजेडीजी के आंकड़ों के अनुसार 63 लाख से अधिक मामले वकीलों की अनुपलब्धता के कारण लंबित माने जाते हैं. हमें यह सुनिश्चित करने के लिए वास्तव में बार के समर्थन की आवश्यकता है कि हमारी अदालतें अधिकतम क्षमता से काम करें.' प्रधान न्यायाधीश ने यह भी कहा कि यह बहुत अधिक या कम हो सकता है क्योंकि अभी सभी अदालतों से अधिक डेटा प्राप्त होना बाकी है.

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(पीटीआई-भाषा)

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