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नित्यानंद राय ने अपने ही नेताओं की खोली पोल, कहा- राजनीति में बहुत बड़े-बड़े स्वार्थी हैं

नित्यानंद राय ने हंसी-हंसी में मंच से अपने ही नेताओं की पोल खोल दी. उन्होंने इस दौरान बासी रोटी, खट्टी दाल का जिक्र करते हुए कई नेताओं को स्वार्थी, कंजूस से लेकर अन्य उल्हाने भी दिए.

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Published : Aug 17, 2021, 3:34 PM IST

पटना :प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PM Garib Kalyan Anna Yojana) के लिए झोला बांटने के अभियान की शुरूआत करने पहुंचे केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Nityanand Rai) ने बात-बात में कई बड़े नेताओं की पोल खोल दी. उन्होंने न केवल बचपन के साथी रहे नेताओं को उल्हाना दिया, बल्कि कई को तो स्वार्थी तक कह दिया.

नित्यानंद राय का बयान

दरअसल, बिहार भाजपा प्रदेश कार्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर कार्यक्रम आयोजित की गई थी. मंच पर सभी बड़े नेता और विधायक मौजूद रहे. बड़ी संख्या में नेता कार्यकर्ता सभागार में भी उपस्थित थे. इस बीच भाषण देते हुए नित्यानंद राय ने हंसी-हंसी में एक-एक कर सभी नेताओं के पोल खोलते नजर आए.

नेताओं की खिंचाई उन्होंने संगठन सह महामंत्री शिव नारायण महतो से की. नित्यानंद राय ने कहा, शिव नारायण जी महाकंजूस हैं. भाजपा में आने के बाद तो थोड़ा बदले हैं. जब मैं विद्यार्थी परिषद में था तो ये खाने में हम सबको बासी रोटी खिलवाते थे. अगर दाल खट्टी हो जाती थी, तो उसमें टमाटर डलवाकर खिला देते थे.

इसके बाद विधायक संजीव चौरसिया पर उन्होने जबरदस्त तंज कसा. उन्होने कहा, इनके घर हमलोग बहुत खाना खाए हैं, लेकिन इन्होंने ने नहीं खिलाया. ये तो चाचा के समय में हुआ. संजीव जी तो बड़े कंजूस हैं. इनका बस चले तो यह हमलोगों के लिए दरवाजा ही बंद दें बता दें कि संजीव चौरिसिया के पिता गंगा प्रसाद पुराने भाजपाई हैं. वे अभी सिक्किम के राज्यपाल हैं.

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कुम्हरार से भाजपा विधायक अरूण कुमार सिन्हा को तो नित्यानंद राय ने स्वार्थी कह दिया. उन्होंने कहा राजनीति में बहुत बड़े-बड़े स्वार्थी हैं, भाई इनसे ज्यादा नहीं देखा. अपनों को भी कभी-कभी नहीं पहचानते हैं.

हालांकि, बोलते हुए उन्होंने उपमुख्यमंत्री रेणु देवी तंज तो नहीं कसा, लेकिन कह दिया, दीदी ने हमें खूब अचार खिलाया है, घर जाने पर बिना अचार लिए नहीं आने देतीं.

नित्यानंद राय के भाषण पर झेंप वही नेता रहे थे, जिनकी वे खिंचाई कर रहे थे. बाकी के लोग खूब मजे ले रहे थे. एक-एक कर उनसे कह रहे थे कि 'फ्लाना' के बारे में भी कुछ कहिए और वे पोल खोलना शुरू कर देते थे.

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