पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 24 दिसंबर को बनारस से लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार का अनौपचारिक रूप से आगाज करेंगे. पार्टी की ओर से तैयारी शुरू हो गई है. यूपी से सटे बिहार के जदयू नेताओं को वहां लगाया जा रहा है. 15 दिसंबर के बाद जदयू के नेता यूपी में कैंप करने लगेंगे. जदयू के उत्तर प्रदेश प्रभारी श्रवण कुमार लगातार उत्तर प्रदेश का दौरा कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश में जदयू के संयोजक सत्येंद्र पटेल का दावा है कि नीतीश कुमार के कार्यक्रम को लेकर पार्टी नेताओं में काफी उत्साह है.
यूपी में बिहार मॉडल पेश करेंगेः अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को करने वाले हैं. लेकिन उससे पहले खरमास में ही नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार का आगाज प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र बनारस से करेंगे. बनारस के रोहनिया विधानसभा में नीतीश कुमार की सभा होगी. जदयू के अनुसार नीतीश कुमार बिहार में 18 साल के कामकाज को मॉडल के रूप में पेश कर वहां मुद्दा बनाएंगे. पिछड़ा और अति पिछड़ा को साधने की कोशिश करेंगे, खासकर कुर्मी वोटरों पर उनकी विशेष नजर है.
रैली की तैयारी शुरूः इंडिया गठबंधन के घटक दलों की बैठक 19 दिसंबर को बुलाई गई है. इस बैठक की तिथि की घोषणा से पहले ही नीतीश कुमार ने बनारस के रोहनिया विधानसभा में सभा करने का ऐलान कर दिया था. 24 दिसंबर को सभा होगी, यह तय हो चुका है. उत्तर प्रदेश जदयू के प्रभारी श्रवण कुमार ने भी इसकी घोषणा कर दी है. उसी के हिसाब से तैयारी शुरू है. रोहतास, कैमूर, भभुआ और बक्सर के जदयू नेताओं को विशेष रूप से रैली की तैयारी करने की जिम्मेदारी दी गई है. मंत्री जमा खान को भी संयोजक बनाया गया है. उत्तर प्रदेश के संयोजक सत्येंद्र पटेल को भी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है.
नीतीश में प्रधानमंत्री बनने के गुणः रोहतास से आने वाले पार्टी के पूर्व विधायक वशिष्ठ सिंह का कहना है कि 24 दिसंबर को रोहनिया विधानसभा में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम है. लाखों लोग मुख्यमंत्री की सभा में आएंगे. बिहार से जब चलते हैं तो बनारस ही पहले आता है, देवभूमि है इसलिए वहां से शुरुआत हो रही है. नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री के सभी गुण भरे हुए हैं. नीतीश कुमार के नजदीकी एमएलसी संजय गांधी का कहना है नीतीश कुमार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टक्कर देते रहे हैं. हम लोग अपने काम के बूते टक्कर दे रहे हैं.
"सभा करने से होगा क्या. अभी तो मध्य प्रदेश में चुनाव लड़े थे. 10 उम्मीदवार को उतारा था, किसी की जमानत तक नहीं बची. बिहार में कुर्सी बचाना उनके लिए मुश्किल हो रहा है तो उत्तर प्रदेश में क्या करेंगे." - प्रेम रंजन पटेल, बीजेपी प्रवक्ता
माहौल बनाने की कोशिशः राजनीतिक विश्लेषक अरुण पांडे का कहना है कि नीतीश कुमार की नजर उत्तर प्रदेश के कुर्मी वोटरों पर है. लेकिन पहले से ही बीजेपी वहां अनुप्रिया पटेल के अपना दल के साथ गठबंधन में है. ऐसे में नीतीश कुमार के लिए वहां बहुत ज्यादा संभावना नहीं है. उनकी स्थिति बिहार में ही अब खराब होने लगी है तो नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में इन्हें बहुत कुछ मिलेगा इसकी उम्मीद कम है. एक माहौल बनाने की कोशिश नीतीश कुमार कर रहे हैं. तीन राज्यों में जिस प्रकार से बीजेपी की जीत हुई है, उसके बाद अपनी दावेदारी मजबूत करना चाहते हैं. समाजवादी पार्टी सहयोग करती है तब कुछ चुनौती दे पाएंगे.