पटना : बिहार और देश में कई बड़े रेल हादसे हुए हैं. जिसमें बड़ी संख्या में लोगों की मौतें भी हुई हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब अटल जी की सरकार में रेल मंत्री थे, उस समय भी एक बड़ा हादसा हुआ था. गैसल स्टेशन पर 2 अगस्त 1999 को ब्रह्मपुत्र मेल और अवध आसाम एक्सप्रेस के बीच सीधी टक्कर हो गई थी. दोनों ट्रेन एक ही लाइन पर आ गई थी. इस घटना में करीब 290 लोगों की मौत हुई थी.
नीतीश ने नैतिकता के आधार पर दिया था इस्तीफा: बड़ी संख्या में लोग तब उस ट्रेन हादसे में घायल हुए थे. उस वक्त रेल मंत्री रहते नीतीश कुमार घटनास्थल पर जाकर सबकुछ देखा था. इस भीषण रेल हादसे के बाद नीतीश कुमार ने नैतिकता के आधार पर रेल मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. जदयू के बड़े नेता नीतीश कुमार के इस्तीफा को लेकर हमेशा चर्चा करते रहते हैं. नीतीश कुमार के इस्तीफा को मिसाल बताते हैं.
गैसल रेल हादसे के बाद क्या बदला?: बक्सर के रघुनाथपुर में हुए रेल हादसे पर जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि दुखद घटना है. डीएम और एसपी रात भर वहां रहे हैं. बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चला है. अच्छी बात यह है कि आसपास के लोगों ने भी मदद की है. यहां से भी एसडीआरएफ की टीम सबसे पहले पहुंची. 50 एंबुलेंस भी भेज दिया गया था. संजय झा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद पूरे मामले की मॉनीटरिंग कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने घोषणा भी किया चार लाख रुपए मृतक के परिजनों को और जो इंजर्ड हैं उनको 50000 रुपए दिए जाएंगे.
''क्या फाल्ट है? उड़ीसा में भीषण घटना हुई. यह घटना भी भीषण है. कैजुअल्टी भले उतनी नहीं हुई हो, बार-बार इस तरह की घटना हो रही है. यह तो बड़ा अलर्ट है रेलवे के लिए. नीतीश कुमार जब रेल मंत्री थे तो रेल सेफ्टी के लिए काम किया था. भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो रेल मंत्रालय को देखना चाहिए. नीतीश कुमार जब रेल मंत्री थे तो उस समय रेल हादसा के बाद नैतिकता के आधार पर तुरंत इस्तीफा दे दिया था.''- संजय झा, जल संसाधन मंत्री, बिहार