लखनऊ: सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि 1 जुलाई 2023 तक पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग केंद्र (आरवीएसएफ) के जरिए देश में अब तक 11,095 निजी वाहनों को स्क्रैप (कबाड़) किया गया है. इसमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के 8,718, गुजरात के 1,730, मध्य प्रदेश के 340, हरियाणा के 177 और असम के 70 वाहन शामिल हैं.
मेटल स्क्रैप ट्रेड कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एमएसटीसी) के माध्यम से 8,586 सरकारी वाहनों पर कार्रवाई की गई है. इसमें सबसे अधिक दिल्ली में (3,306) उसके बाद ओडिशा में 828, महाराष्ट्र में 752, उत्तर प्रदेश में 660, जम्मू-कश्मीर में 549 और 532 असम व अन्य में हैं. इसके अलावा पश्चिम बंगाल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, असम, गुजरात, सिक्किम, आंध्र प्रदेश और लक्षद्वीप ने भी 4482 वाहनों को स्क्रैप किया गया है.
यह जानकारी केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लिखित रूप मे दी. जब आप सांसद नारायण दास गुप्ता ने राज्यसभा में पूछा कि नई परिवहन नीति की शुरुआत के बाद 10 और 15 साल पूरे हो गए है. अब तक कितने वाहनों को स्क्रैपिंग के लिए सड़कों से हटाया गया है. गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की एक अधिसूचना के अनुसार 1 अप्रैल से केंद्र और राज्य सरकारों के स्वामित्व वाले सभी वाहन जिनमें परिवहन निगमों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के स्वामित्व वाली बसें शामिल हैं, जो 15 साल से पुरानी हैं. उनकों अपंजीकृत कर समाप्त कर दिया जाएगा. नीति के अनुसार, 15 वर्ष से अधिक पुराने वाणिज्यिक वाहनों और 20 वर्ष से अधिक पुराने यात्री वाहनों को फिटनेस और उत्सर्जन परीक्षण पास नहीं करने पर अनिवार्य रूप से स्क्रैप कर दिया जाएगा.