नई दिल्ली : नीति आयोग (NITI Aayog) के सदस्य रमेश चंद (Ramesh Chand) ने कहा है कि किसानों को सरकार के साथ बातचीत फिर से शुरू करने के लिए कृषि कानूनों (Farm Laws) को एकदम से निरस्त करने की मांग के बजाय खामियों को स्पष्ट रूप से बताने के बारे में कुछ संकेत देने चाहिए. तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ कुछ किसान संगठनों के विरोध प्रदर्शन जारी रहने के बीच उन्होंने यह बात कही.
भारतीय किसान संघ (Indian Farmers Association-IFA) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने 29 अप्रैल को कहा था कि जब भी सरकार चाहे, किसान संगठन केंद्र के साथ तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए तैयार हैं. लेकिन, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चर्चा कानून को निरस्त करने के बारे में होनी चाहिए.
'सरकार कानूनों के हर प्रावधान पर चर्चा करने को तैयार'
नीति आयोग के सदस्य (कृषि) चंद ने कहा कि मेरा मानना है कि राकेश टिकैत का बयान स्वागतयोग्य है. लेकिन कुछ नेताओं के बयान आए कि हमारी मांगें समान हैं, (हम चाहते हैं) तीनों कृषि कानून निरस्त होने चाहिए.
उन्होंने कहा कि इसलिए, जब तक वे उन तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर कायम रहते हैं, तब किस तरह की बात हो सकती है. रमेश चंद ने जोर देकर कहा कि सरकार तीन कृषि कानूनों के हर प्रावधान पर चर्चा करने को तैयार है.
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