नई दिल्ली :कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन (Corona new variant omicron) के पांव पसारने के बाद भारत में कोविड टीके की बूस्टर खुराक (covid vaccine booster dose) लगवाने के मुद्दे पर चर्चा तेज है. सवाल यह है कि क्या वाकई बूस्टर खुराक की जरूरत है? इसे कब लगवाना है और अभी सरकार का क्या रुख है? इस विषय पर नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल (NITI Aayog member V K Paul) ने एक साक्षात्कार में विस्तार से जवाब दिया.
सवाल :कोविड-19 के नये ओमीक्रोन स्वरूप के संक्रमण के मामले सामने आने आए हैं, इसके क्या लक्षण हैं ?
जवाब : अभी तक के अध्ययन के अनुसार एस जीन ड्रॉप मरीज के ओमीक्रोन से पीड़ित होने के प्रारंभिक संकेतक सामने आया है. एस जीन, प्रोटीन की सतह को संहिताबद्ध करने से संबंधित है. यह इस संक्रमण का प्रवेश बिंदु है. हम इसके बारे में अभी जानकारी हासिल कर रहे हैं.
अभी तक दुनिया में वायरस के इस स्वरूप के जो मामले सामने आए हैं, वे बहुत अधिक गंभीर नहीं हैं लेकिन इसके बारे में अभी जानकारी जुटाई जा रही है. हम जीनोम अनुक्रमण करके ही ओमीक्रोन की पुष्टि कर रहे हैं, अभी यही हमारा रुख रहेगा.
सवाल : वायरस के नए स्वरूप आने तथा कई देशों में संक्रमण फिर से बढ़ने की खबरों के बाद बूस्टर खुराक की मांग शुरू हो गई है, इस पर आप क्या कहेंगे?
जवाब : बूस्टर खुराक की क्या जरूरत है और नए स्वरूप के क्या प्रभाव हैं, इसके बारे में अध्ययन हो रहा है. इसके वैज्ञानिक पहलुओं को ध्यान से जांचा परखा जा रहा हैं और उस पर पूरी नजर है. वैज्ञानिक और तकनीकी स्तर पर विचार विमर्श चल रहा है और सबको ध्यान से देखा जा रहा है. इस बारे में वैज्ञानिक तथ्य एवं सुझावों के आधार पर फैसले लिए जाएंगे. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सबसे पहले प्राथमिक टीकाकरण कार्य को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने का सुझाव दिया है.
सवाल : देश में बच्चों को टीका लगाए जाने की भी मांग की जा रही है, इस बारे में अब तक क्या प्रगति है?