नई दिल्ली : भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसद की स्थायी समिति के प्रमुख शशि थरूर के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है.
उन्होंने नियम 222 का हवाला देते हुए कहा कि एक तरफ कांग्रेस विपक्षी दलों के लोग सदन नहीं चलने दे रहे हैं और दूसरी तरफ संसदीय समिति की बैठक हो रही है.
दुबे के मुताबिक, उन्होंने कांग्रेस नेता थरूर के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है.
थरूर को विशेषाधिकार हनन का नोटिस गौरतलब है कि मंगलवार को सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति की बैठक हुई थी. इसमें शामिल भाजपा सांसद बैठक आरंभ होने से पहले ही बाहर चले गए थे. उनका दावा था कि इस बैठक के एजेंडे के बारे में उन्हें सूचित नहीं किया गया था.
भाजपा सांसदों का कहना था कि जब विपक्ष के हंगामे के कारण संसद की कार्यवाही नहीं चल पा रही है तो फिर संसदीय समिति कैसे अपना काम कर सकती है.
बता दें कि संसद के मानसून सत्र के पहले दिन, गत 19 जुलाई को सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर (Ashwini Vaishnaw Pegasus) के जरिए भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सोमवार को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं. लोकसभा में स्वत: संज्ञान के आधार पर दिए गए अपने बयान में वैष्णव ने कहा कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है.
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क्या है पेगासस स्पाईवेयर ?
पेगासस एक पावरफुल स्पाईवेयर सॉफ्टवेयर है, जो मोबाइल और कंप्यूटर से गोपनीय एवं व्यक्तिगत जानकारियां चुरा लेता है और उसे हैकर्स तक पहुंचाता है. इसे स्पाईवेयर कहा जाता है यानी यह सॉफ्टवेयर आपके फोन के जरिये आपकी जासूसी करता है. इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप का दावा है कि वह इसे दुनिया भर की सरकारों को ही मुहैया कराती है. इससे आईओएस या एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम चलाने वाले फोन को हैक किया जा सकता है. फिर यह फोन का डेटा, ई-मेल, कैमरा, कॉल रिकॉर्ड और फोटो समेत हर एक्टिविटी को ट्रेस करता है.
संभल कर, जानिए कैसे होती है जासूसी ?
अगर यह पेगासस स्पाईवेयर आपके फोन में आ गया तो आप 24 घंटे हैकर्स की निगरानी में हो जाएंगे. यह आपको भेजे गए मैसेज को कॉपी कर लेगा. यह आपकी तस्वीरों और कॉल रिकॉर्ड तत्काल हैकर्स से साझा करेगा. आपकी बातचीत रिकॉर्ड किया जा सकता है. आपको पता भी नहीं चलेगा और पेगासस आपके फोन से ही आपका विडियो बनता रहेगा. इस स्पाईवेयर में माइक्रोफोन को एक्टिव करने की क्षमता है. इसलिए किसी अनजान लिंक पर क्लिक करने से पहले चेक जरूर कर लें.
क्या है पेगासस स्पाईवेयर, जिसने भारत की राजनीति में तहलका मचा रखा है ?
कैसे फोन में आता है यह जासूस पेगासस ?
जैसे अन्य वायरस और सॉफ्टवेयर आपके फोन में आते हैं, वैसे ही पेगागस भी किसी मोबाइल फोन में एंट्री लेता है. इंटरनेट लिंक के सहारे. यह लिंक मेसेज, ई-मेल, वॉट्सऐप मेसेज के सहारे भेजे जाते हैं. 2016 में पेगासस की जासूसी के बारे में पहली बार पता चला. यूएई के मानवाधिकार कार्यकर्ता ने दावा किया कि उनके फोन में कई एसएमएस आए, जिसमें लिंक दिए गए थे. उन्होंने इसकी जांच कराई तो पता चला कि स्पाईवेयर का लिंक है. एक्सपर्टस के मुताबिक, यह पेगागस का सबसे पुराना संस्करण था. अब इसकी टेक्नॉलजी और विकसित हो गई है. अब यह 'जीरो क्लिक' के जरिये यानी वॉइस कॉलिंग के जरिये भी फोन में एंट्री ले सकता है.