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यूपी पुलिस के नौ विशेष डाॅग अपराध सुलझाने में कर रहे मदद, हाईकोर्ट सचिवालय और सीएम सुरक्षा की भी जिम्मेदारी

यूपी पुलिस की स्पेशल डाॅग ब्रिगेड पर राजधानी के महत्वपूर्ण स्थानों हाईकोर्ट, सचिवालय और सीएम सुरक्षा के साथ कई अहम जिम्मेदारी है. यह डाॅग ब्रिगेड पुलिस के साथ गंभीर अपराधों को सुलझाने में भी मदद करते हैं. आइए देखें किसमें क्या है खासियत.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 21, 2023, 5:41 PM IST

यूपी पुलिस के नौ विशेष डाॅग अपराध सुलझाने में कर रहे मदद. देखें खबर

लखनऊ : वर्ष 2020 में राजधानी के बंथरा थाना क्षेत्र के अंर्तगत एक व्यक्ति ने पत्नी की हत्या कर दी थी. पुलिस उत्कल (डाॅग) को मौके पर ले गई और उसने फौरन ही हत्यारे को पकड़ कर पुलिस का केस सुलझा दिया. अगस्त 2023 में मोहनलालगंज इलाके में बहनोई ने अपने साले की हत्या कर दी. उत्कल ने महज एक घंटे में पुलिस को हत्यारे के घर पहुंचा दिया. बीते 8 वर्षों में उत्कल ने सैकड़ों केस सुलझाए हैं. 13 वर्षीय उत्कल लखनऊ पुलिस के डॉग स्क्वायड का सबसे सीनियर सदस्य है. उसके अलावा लखनऊ पुलिस के पास आठ और स्नाइफर्स डॉग हैं जो चोरी, डकैती और हत्या जैसे संगीन अपराधों को सुलझाने के अलावा बम ढूंढने और सीएम की सुरक्षा में तैनात हैं. आइए मिलते हैं लखनऊ पुलिस की स्पेशल ब्रिगेड से, जो पुलिस के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते हैं और अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजने में मदद करते हैं.

यूपी पुलिस की स्पेशल डाॅग ब्रिगेड.
लखनऊ पुलिस के पास 9 स्निफर्स डॉग्सलखनऊ पुलिस लाइन स्थित डॉग स्कवायड में इस समय कुल 9 स्निफर डॉग्स शामिल हैं. इनमें 3 ट्रैकर, 2 सीएम सुरक्षा, 2 सचिवालय सुरक्षा, एक नारकोटिक्स और एक हाईकोर्ट सुरक्षा में तैनात है. लखनऊ में जब भी कोई बड़ी चोरी, डकैती या हत्या होती है तो पुलिस बल के साथ ट्रैकर डॉग्स को मौके पर ले जाया जाता है. डॉग्स और उसका हैंडलर मौका ए वारदात पर जाकर हर एक बारीक जगहों पर जाता है, गंध सूंघता है और यदि उसे वहां किसी मिली गंध वारदात स्थल से दूर किसी और भी इलाके में मिलती है वह तत्काल अपने हैंडलर को सूचित कर देता है.
यूपी पुलिस की स्पेशल डाॅग ब्रिगेड.


उत्कल ने चप्पल से सहारे हत्यारे दोस्त का लगाया सुराग

पुलिस लाइन में डॉग हैंडलर अनिल सिंह बताते हैं कि उनके डॉग स्क्वायड का सबसे सीनियर सदस्य उत्कल है जो एक ट्रैकर है. उसकी ट्रेनिंग बीएसएफ ग्वालियर कैंप में हुई थी. उत्कल अबतक हजारों क्राइम सीन में जा चुका है. जिसमें सैकड़ों केस सिर्फ उत्कल की मदद से ही सुलझ सके हैं. बीते दिनों बंथरा इलाके में सनी नाम के युवक की ईंट से कूच कर हत्या कर जला दिया गया था. मौके पर पहुंची पुलिस को शराब की बोतल के अलावा ऐसा कुछ भी नहीं मिला, जिससे हत्यारे का पता लगाया जा सके. मौके पर डॉग स्क्वायड को बुलाया गया. उत्कल ने क्राइम सीन पर सूंघना शुरू किया, जिसके बाद वह एक चप्पल के पास खड़ा होकर अपने हैंडलर को इशारे करने लगा. पुलिस ने तत्काल चप्पल को कब्जे में लिया. पुलिस ने जांच की तो उसी चप्पल के आधार पर मृतक के दोस्त दुर्गेश को गिरफ्तार किया गया. इतना ही नहीं बीते दिनों मोहनलालगंज में हुई एक व्यक्ति की हत्या के मामले में भी उत्कल ने हत्यारे जीजा के घर की ओर इशारा किया और जब पुलिस ने जांच की तो जीजा ही हत्यारा निकला. अनिल सिंह बताते है कि न सिर्फ उत्कल बल्कि बेनी और माइकल ने भी सैकड़ों केस सुलझाए हैं. जिसमें चिनहट में हुई डकैती, मड़ियांव में हुई हत्या शामिल है.

यूपी पुलिस की स्पेशल डाॅग ब्रिगेड.
यूपी पुलिस की स्पेशल डाॅग ब्रिगेड.
सिर्फ हैंडलर को ही डॉग्स देते हैं इशारेपुलिस लाइन प्रभारी चंद्रभान सिंह बताते हैं कि डॉग स्क्वायड में शामिल सभी श्वान सिर्फ अपने हैंडलर का ऑर्डर मानते हैं. यदि कोई अन्य पुलिसकर्मी, अधिकारी या अन्य व्यक्ति इन्हें कमांड देता है तो ये बिलकुल प्रतिक्रिया नहीं देते हैं. इनके रहने के लिए अलग अलग कैनाल बने हैं जहां ये आराम करते हैं. चंद्रभान सिंह के अनुसार लखनऊ अलग-अलग वीआईपी एरिया में स्निफर डॉग की ड्यूटी लगाई जाती है. इनमें हाईकोर्ट, सीएम सुरक्षा, सचिवालय समेत कई वीआईपी रूटों पर इन्हें तैनात किया जाता है. इसके अलावा एक डॉली नाम की डॉग नारकोटिक्स विभाग के साथ मिलकर ड्रग्स का कारोबार करने वालों को ट्रैक करती है.

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