चड़ीगढ़ : बहुचर्चित निकिता हत्याकांड में आज फास्ट ट्रैक कोर्ट दोषियों को सजा का एलान करेगी. इससे पहले निकिता तोमर हत्याकांड के दो आरोपियों तौसीफ और रेहान को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दोषी करार दिया था, जबकि हत्याकांड में तौसीफ को हथियार उपलब्ध कराने वाले तीसरे आरोपी अजरुद्दीन को कोर्ट ने बरी कर दिया था. बता दें कि केस की सुनवाई मंगलवार को पूरी हो गई थी और बुधवार को कोर्ट ने दो आरोपियों को दोषी करार दिया था. जिसके बाद अब दोनों दोषियों को सजा का एलान आज किया जाएगा. इस हत्याकांड में पीड़ित पक्ष की ओर से 55 लोगों की गवाही कराई गई थी, जबकि बचाव पक्ष की ओर से महज दो की गवाही हुई.
26 को हत्या, 26 को ही मिलेगी सजा
इसे संयोग ही कहेंगे कि हत्याकांड से ठीक पांच महीने बाद दोनों दोषियों को सजा सुनाई जाएगी. 26 अक्टूबर 2020 को निकिता की हत्या की गई थी. जांच पड़ताल और सुनवाई के बाद ठीक पांच महीने यानी 26 मार्च को ही निकिता के दोषियों को सजा सुनाई जाएगी.
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ये है पूरा मामला
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के हापुड़ की रहने वाली निकिता तोमर फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में परिवार के साथ रह रही थी. वो अग्रवाल कॉलेज में बीकॉम फाइनल ईयर की छात्रा थी. 26 अक्टूबर 2020 की शाम करीब पौने 4 बजे जब वो परीक्षा देकर कॉलेज के बाहर निकली तो तौसीफ ने अपने दोस्त रेहान के साथ मिलकर कार में उसे अगवा करने की कोशिश की.
जब निकिता ने विरोध किया तो तौसीफ ने उसको गोली मार दी. जिससे निकिता की मौत हो गई थी. ये वारदात सीसीटीवी में कैद हो गई थी, जिसके आधार पर आरोपियों की पहचान करके तौसीफ और रेहान को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. तीसरे आरोपी अजरुद्दीन ने तौसीफ को हथियार उपलब्ध कराया था.
पहले भी की थी अपहण की कोशिश
नूंह के रोजका मेव निवासी तौसीफ 12वीं कक्षा तक निकिता के साथ पढ़ा था. वो निकिता पर दोस्ती का दबाव डालता था. तौसीफ ने 2018 में भी निकिता का अपहरण किया था. जिसके बाद निकिता के परिजनों ने एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी तौसीफ को गिरफ्तार भी कर लिया था, लेकिन उसके परिवार वाले हाथ-पैर जोड़ने लगे, तो निकिता के परिवार ने मामला वापस लेते हुए समझौता कर लिया. इसके बाद भी तौसीफ निकिता पर शादी का दबाव बना रहा था. इसीलिए उसने निकिता का दोबारा अपहरण करने की कोशिश की, लेकिन इस बार निकिता की जान चली गई.
पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश पर इस केस की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सरताज बासवाना की कोर्ट में शुरू हुई. एक दिसंबर को पहली गवाही कराई गई. जिसमें घटना के चश्मदीद निकिता के चचेरे भाई तरुण तोमर और सहेली निकिता शर्मा शामिल हुए. बचाव पक्ष की ओर से 55 लोगों ने गवाही दी. जिसमें परिवार के सदस्यों, कॉलेज के प्रिंसिपल समेत कई पुलिसकर्मी शामिल हुए. बचाव पक्ष ने दो दिन में अपने गवाह पेश किए और गवाहों के बयान दर्ज कराए. मंगलवार को दोनों पक्षों की ओर से गवाही पूरी हो गई.
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