नई दिल्ली: नीरा राडिया टेप मामला में पूर्व कॉरपोरेट लॉबिस्ट को बड़ी राहत मिली है. सीबीआई की जांच में नीरा राडिया के खिलाफ कोई अपराधिक सबूत नहीं मिले हैं. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि पूर्व कॉरपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया की राजनेताओं, वकीलों, पत्रकारों और उद्योगपतियों के बीच हुई बातचीत के टेप की सामग्री की जांच में कोई आपराधिक संलिप्तता नहीं मिली है.
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को नीरा राडिया मामले में स्थिति रिपोर्ट पेश करने के निर्देश बुधवार को दिए. न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय पीठ उद्योगपति रतन टाटा की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही थी. याचिका में राडिया टेप सामने आने के मद्देनजर निजता के अधिकार की रक्षा का अनुरोध किया गया था. इस पीठ में न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा भी शामिल हैं.
पीठ ने कहा, 'हम अवकाश के बाद इसे लेंगे क्योंकि अगले सप्ताह संविधान पीठ बैठ रही है. इस बीच सीबीआई अद्यतन स्थिति रिपोर्ट पेश कर सकती है.' मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी. केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एश्वर्य भाटी ने कहा कि शीर्ष अदालत की ओर से निजता के अधिकार के संबंध में दिए गए फैसले के आलोक में याचिका का निपटारा किया जाए.
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने 2017 में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) के एस पुट्टास्वामी मामले में अपने आदेश में कहा था कि निजता संविधान संरक्षित अधिकार है. भाटी ने कहा, मुझे आपको सूचित करना है कि सीबीआई को न्यायाधीशों ने सभी बातचीत की जांच करने के निर्देश दिए थे. 14 प्रारंभिक मामले दर्ज किए गए और सील बंद लिफाफे में रिपोर्ट आपके समक्ष पेश की गई. उनमें कोई अपराध नहीं पाया गए. साथ ही अब तो फोन टैप करने के दिशानिर्देश भी हैं.