पटनाः बिहार में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण बिहार सरकार ने नाइट कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है. मंगलवार शाम क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी घोषणा की. उन्होंने अपना महत्वाकांक्षी समाज सुधार अभियान और जनता दरबार भी स्थगित कर दिया है. इसके अलावा सरकार की तरफ से पाबंदियां और हिदायतें जारी की गई हैं. इसके तहत अब से रात आठ बजे तक ही दुकानें खुलेंगी. इसके बाद आवश्यक सेवाओं की दुकानें ही खुल सकेंगी. 8वीं तक के क्लास ऑनलाइन चलेंगे, जबकि 9वीं से उपर के क्लास 50 फीसदी उपस्थिति के साथ संचालित होंगी.
प्रदेश में पूजास्थलों को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है. मंदिरों में पुजारी ही पूजा करेंगे. वहीं स्टेडियम, स्वीमिंग पूल को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. अंतिम संस्कार में 20 लोग ही शामिल हो सकेंगे. वहीं, सार्वजनिक स्थल पर 50 व्यक्ति ही शामिल हों सकेंगे. किसी भी तरह के कार्यक्रम के लिए प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य होगा.
बता दें कि लगातार कोरोना के मामले बढ़ने पर पूरे प्रदेश में खलबली मची थी. आईएमए के अधिवेशन के बाद से बड़ी संख्या में डॉक्टर कोरोना से संक्रमित हो गए थे. इसके अलावा कई बड़े नेता और चिकित्सक कोरोना पॉजिटिव हो गए थे. जनता दरबार में आए फरियादी, कर्मचारी और सुरक्षाकर्मियों भी कोरोना संक्रमित पाए गए. बता दें कि मंगलवार को राजधानी पटना में कोरोना के 522 नए मामले सामने आए. जिनमें 40 से अधिक बच्चों में भी संक्रमण पाया गया है. इन सभी बच्चों की उम्र 2 साल से 17 साल के बीच बताई जा रही है. पटना में कोरोना के एक्टिव मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 1200 हो गया है. प्रदेश में कोरोना के मामलों में बीते 10 दिनों में बेतहाशा वृद्धि हुई है. बीते पांच दिनों में 260% केस बढ़ गए हैं. 30 दिसंबर को जहां प्रदेश भर में 132 एक्टिव मरीज मिले थे, वहीं 31 दिसंबर को यह बढ़कर 158 हो गई.