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सावधान! सोशल मीडिया पर हो सकते हैं 'नाइजीरियन फ्रॉड' का शिकार, ऐसे बचें

आज कल सोशल मीडिया पर कुछ गिरोह लड़कियों की फर्जी आईडी बनाकर लड़कों से बातचीत करते हैं. एक बार जब वो गिरोह अपने शिकार को अपने चंगुल में फंसा लेता है, उसके बाद पैसों की डिमांड करता है. ऐसे ऑनलाइन फर्जीवाड़े से बचने के लिए साइबर एक्सपर्ट राजेश राणा ने कुछ असरदार टिप्स साझा किए हैं.

सावधान! सोशल मीडिया पर आप हो सकते हैं 'नाइजीरियन फ्रॉड' का शिकार, ऐसे करें बचाव
सावधान! सोशल मीडिया पर आप हो सकते हैं 'नाइजीरियन फ्रॉड' का शिकार, ऐसे करें बचाव

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Published : Jan 27, 2021, 2:23 PM IST

चंडीगढ़ : लोगों से पैसे लेने के लिए फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाकर उन्हें अपने जाल में फंसाना साइबर अपराधियों के लिए आम बात हो चली है. लोगों से पैसे ऐठने का यह नया तरीका भी नहीं है, लेकिन अभी भी लोग इसके शिकार हो रहे हैं.

कुछ दिनों पहले चंडीगढ़ में भी एक ऐसा मामला सामने आया था, जब एक नाइजीरियन युवक ने लड़की की प्रोफाइल बनाकर एक युवक से पैसे ठग लिए थे. हालांकि पुलिस ने बाद में उसे गिरफ्तार भी कर लिया था, लेकिन इस तरह के बहुत से मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जिनमें अपराधियों की गिरफ्तारी भी नहीं हो पाती.

साइबर एक्सपर्ट से जानें कि कैसे फेक प्रोफाइल ठगों का शिकार होने से बच सकते हैं, देखिए वीडियो

फेक प्रोफाइल के जरिए होने वाले साइबर अपराधों को लेकर हमने जाने-माने साइबर एक्सपर्ट राजेश राणा से बातचीत की. इस तरह की होने वाले फ्रॉड के मामलों के बारे में राजेश राणा ने बताया कि यह अपराध पिछले काफी समय से हो रहे हैं. फेक प्रोफाइल के जरिए होने वाले अपराधों को नाइजीरियन फ्रॉड भी कहा जाता है, क्योंकि इस तरह के मामलों में ज्यादातर नाइजीरियन लोग ही होते हैं.

शिकार की करते हैं ट्रैपिंग
यह लोग ग्रुप बनाकर रहते हैं और इस तरह के साइबर अपराधों को लगातार अंजाम देते हैं. यह लोग किसी लड़की की फोटो लगाकर फेसबुक पर प्रोफाइल बनाते हैं और युवकों को झांसे में लेते हैं. यह लोग कभी फोन पर बात नहीं करते और ना ही वीडियो कॉल करते हैं, लेकिन अगर कभी ऐसा करना पड़ जाए, तो ये पैसे देकर किसी लड़की से बात भी करवा देते हैं, ताकि सामने वाले को विश्वास हो जाए कि वह किसी लड़की से ही बात कर रहा है.

जानें कैसे फेक आईडी ठगों से बचें.

एक बार जब गिरोह को यकीन हो जाता है कि टारगेट उनके चुंगल में फंस गया है तो उससे धीरे-धीरे लोगों से पैसे मांगना शुरू कर देते हैं. इसके लिए भी कई तरह के बहाने बनाते हैं और लोगों के झांसे में आ जाते हैं.

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ऐसे अपराधी पुलिस की तरफ से पकड़े भी गए हैं. ऐसे बहुत से गिरोह हैं, जो बड़े लेवल पर काम करते हैं. इनके मोबाइल और लैपटॉप से 300 से 400 लोगों की लिस्ट भी मिली है. जिन्हें इन्होंने ठगा है या ठगने की तैयारी कर रहे थे.

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'इस फ्रॉड को वर्चुअल हनी ट्रैप कह सकते हैं'
साइबर एक्सपर्ट राजेश राणा का कहना है कि सोशल मीडिया की दुनिया एक वर्चुअल दुनिया होती है. जहां पर यह पता लगाना बेहद मुश्किल होता है कि कौन असली है और कौन नकली है, लेकिन अक्सर लोग वर्चुअल दुनिया के मोह में पड़ जाते हैं और अपराधी इसी बात का फायदा उठा लेते हैं.

इन लोगों का अपराध को अंजाम देने का एक ही तरीका होता है. यह सबसे पहले एक फेक प्रोफाइल बनाते हैं, जिसमें किसी लड़की की कोई आकर्षक तस्वीर लगाते हैं और इसके बाद वे अपने शिकार को इस तरह के मैसेज भेजते हैं. लोग इनके मैसेज का रिप्लाई करना शुरू कर देते हैं.

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फ्रेंड रिक्वेस्ट आए तो कैसे जांच करें?

  • सबसे पहले आप उस प्रोफाइल की जांच कीजिए कि वह प्रोफाइल कब बनी है.
  • उस प्रोफाइल में किस तरह की पोस्ट की जा रही हैं. उस प्रोफाइल की फ्रेंड लिस्ट में कौन-कौन लोग हैं.
  • किसी विदेशी लड़की की फ्रेंड लिस्ट में सिर्फ भारतीय लोग हैं, तो समझ लीजिए प्रोफाइल नकली है.
  • नई प्रोफाइल में बहुत कम पोस्ट हैं और अलग-अलग लड़कियों की फोटो लगाई गई है, तो भी प्रोफाइल नकली है.

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