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निधि कंपनियों को जमा रिसीव करने से पहले केंद्र का अनुमोदन लेना अनिवार्य

आम जनता और छोटे सावधि जमाकर्ताओं को बेईमान निधि कंपनियों के हाथों ठगी से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. नए संशोधन के अनुसार यदि केंद्र सरकार द्वारा एनडीएच -4 के रूप में कंपनियों द्वारा दायर आवेदनों की प्राप्ति के 45 दिनों के भीतर कोई निर्णय नहीं दिया गया तो अनुमोदन को स्वीकृत माना जाएगा

वित्त मंत्री सीतारमण
वित्त मंत्री सीतारमण

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Published : Apr 21, 2022, 12:34 PM IST

Updated : Apr 21, 2022, 1:14 PM IST

नई दिल्ली: आम जनता और छोटे सावधि जमाकर्ताओं को बेईमान निधि कंपनियों के हाथों ठगी से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. केंद्र सरकार ने निधि कंपनियों के नियमों में संशोधन किया है जिसके अनुसार निधि कंपनियों को आम जनता से फंड स्वीकार करने से पहले कॉर्पोरेट मंत्रालय में NDH-4 फार्म भरना अनिवार्य कर दिया गया है. अप्रैल 20 को घोषित किए गए संशोधन को अगस्त 2019 से प्रभावी माना जाएगा क्योंकि सरकार ने पूर्वव्यापी प्रभाव से निधि नियम 2014 में संशोधन किया है. संशोधन के पश्चात निधि कंपनियों के रूप में कार्य करने की इच्छुक सार्वजनिक कंपनियों को कंपनी अधिनियम-1956 के तहत जमा स्वीकार करने से पहले केंद्र सरकार से पूर्व घोषणा प्राप्त करनी होगी. नोटिफिकेशन के अनुसार एक निधि या पारस्परिक लाभ सोसायटी का अर्थ एक ऐसी कंपनी है जिसे केंद्र सरकार ने निधि या म्यूचुअल बेनिफिट सोसाइटी के रूप में घोषित किया है. हालाँकि कंपनी अधिनियम-2013 के तहत शुरू में किसी कंपनी को निधि कंपनी के रूप में कार्य करने के लिए केंद्र सरकार से घोषणा प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं थी. अधिकारियों के अनुसार ऐसी कंपनियों को केवल निधि कंपनी के रूप में निगमित करने और निधि नियमावली के नियम 5 के उप-नियम (1) के तहत आवश्यकताओं को पूरा करने की आवश्यकता थी.

निधि नियम-2014 के तहत निधि नियमों के प्रारंभ होने के एक वर्ष के भीतर न्यूनतम 200 सदस्यता, निवल स्वामित्व निधि (एनओएफ) 10 लाख रुपये, एनओएफ जमा अनुपात 1:20 और अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों या डाकघरों में 10% बिना भार वाली जमा राशि रखना आवश्यक है. संदिग्ध निधि कंपनियों की सदस्यता की पेशकश कर जमाकर्ताओं के साथ धोखाधड़ी और धोखाधड़ी की संभावना को देखते हुए सरकार ने एक समिति का गठन किया था जिसने कंपनी अधिनियम-2013 की धारा 406 में संशोधन की सिफारिश की है. जिसके अनुसार निधि कंपनियों को जमा स्वीकार करने से पहले केंद्र सरकार से एक घोषणा प्राप्त करना अनिवार्य होगा. संशोधनों के बाद निधि कंपनियों के रूप में निगमित कंपनियों को निगमन के 14 महीनों के भीतर घोषणा के लिए एक विशिष्ट फॉर्म, फॉर्म एनडीएच -4 में केंद्र सरकार को आवेदन करने की आवश्यकता है. यदि उन्होंन निधि (संशोधन) नियमों के बाद 15 अगस्त 2019 से शामिल किया गया था.

संशोधित नियमों के तहत कंपनियों जो 2014 से 15 अगस्त, 2019 के बीच एक निधि कंपनी के रूप में पंजीकृत है उन्हें केंद्र सरकार से एक घोषणा लेना आवश्यक होगा. अधिकारियों के अनुसार कंपनी अधिनियम-1956 के तहत केवल 390 कंपनियों को निधि कंपनी घोषित किया गया. आंकड़ों के अनुसार 2014-2019 के दौरान दस हजार से अधिक कंपनियों को निधि कंपनी में शामिल किया गया था, लेकिन उनमें से एक चौथाई (2,300 कंपनियों) ने ही केंद्र सरकार का प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए NDH-4 फॉर्म भरा है. फॉर्म एनडीएच-4 की जांच से यह पता कि कंपनियां अधिनियम और निधि नियम-2014 (संशोधित) के लागू प्रावधानों का अनुपालन नहीं कर रही हैं. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कहा कि आम जनता के हितों की रक्षा के लिए यह अनिवार्य हो गया है कि इसका सदस्य बनने से पहले केंद्र सरकार द्वारा किसी कंपनी को निधि के रूप में घोषित करना सुनिश्चित करना चाहिए.

निधि कंपनियों के नए नियम: मंत्रालय ने कहा कि कई नियमों में संशोधन किया गया है जो निधि (संशोधन) नियम, 2022 के बाद निगमित कंपनियों पर लागू होंगें. नया नियम कहता है कि एक सार्वजनिक कंपनी को निधि कंपनी के रूप में शामिल किया गया है, जिसकी शेयर पूंजी रु 10 लाख पहले केंद्र सरकार से खुद को निधि घोषित करने की जरूरत है. इसके निगमन के 120 दिनों के भीतर कंपनी की न्यूनतम सदस्यता 200 और एनओएफ 20 लाख रुपये होनी चाहिए. कंपनी के प्रमोटरों और निदेशकों को नियमों में निर्धारित फिट और उचित व्यक्ति के मानदंडों को पूरा करना होगा. समयबद्ध निपटान के लिए संशोधित नियमों में यह भी प्रावधान किया गया है कि यदि केंद्र सरकार द्वारा एनडीएच -4 के रूप में कंपनियों द्वारा दायर आवेदनों की प्राप्ति के 45 दिनों के भीतर कोई निर्णय नहीं दिया जाता है, तो अनुमोदन को स्वीकृत माना जाएगा. यह ऐसी कंपनियों पर लागू होगा जिन्हें निधि (संशोधन) नियम-2022 के बाद निगमित किया गया है.

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Last Updated : Apr 21, 2022, 1:14 PM IST

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