नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुजरात से गिरफ्तार आरोपी अल्ताफ हुसेन गंचीभाई (Altaf husen Ganchibhai) से पूछताछ के बाद बड़ा खुलासा किया है. एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'जांच से पता चला है कि पाकिस्तानी आकाओं के कहने पर अल्ताफ हुसेन गंजीभाई ने भारतीय रक्षा बलों और प्रतिष्ठानों से संबंधित संवेदनशील जानकारी जुटाने और उसे पाकिस्तान हैंडलरों को देने के लिए ओटीपी का सहारा लिया. उसने भारतीय सिम नंबरों पर प्राप्त ओटीपी देकर व्हाट्सएप को गुप्त रूप से सक्रिय कर दिया था.'
अल्ताफ हुसेन गंजीभाई को पिछले साल अक्टूबर में गिरफ्तार किया गया था. एनआईए ने भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से साजिश और जासूसी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में दो आरोपी व्यक्तियों अल्ताफ हुसेन गंजीभाई और वसीम (पाकिस्तानी नागरिक) के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया. गुजरात के रहने वाले अल्ताफ हुसैन गंचीभाई उर्फ शकील और पाकिस्तानी नागरिक वसीम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, आयकर (आईटी) अधिनियम और कड़े गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत हैदराबाद में एक अदालत के समक्ष आरोप पत्र दायर किया गया. यह मामला मूल रूप से आंध्र प्रदेश पुलिस में दर्ज किया गया था और पिछले साल 23 दिसंबर को एनआईए द्वारा फिर से दर्ज किया गया था.
एनआईए अधिकारी के मुताबिक एजेंट, भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों से 'रक्षा प्रतिष्ठानों से संबंधित महत्वपूर्ण और संवेदनशील जानकारी' प्राप्त करने के लिए, फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया मंचों का उपयोग करते थे. उन्होंने बताया कि कुछ सिम कार्ड गुजरात के उन भारतीय मछुआरों के नाम पर लिए गए थे, जिन्हें पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी ने 2020 में उस समय गिरफ्तार किया था, जब वे समुद्र में मछली पकड़ रहे थे.
एनआईए अधिकारी ने कहा कि जांच में पाया गया कि ये सिम कार्ड भारत वापस गंचीभाई को अवैध रूप से भेजे गए थे, जिसने पाकिस्तान में अपने आकाओं के निर्देश पर ऐसे सात सिम कार्ड सक्रिय किए थे. उसे इस मामले में पिछले साल 25 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था. अधिकारी ने कहा कि वसीम फिलहाल फरार है. वसीम ने महत्वपूर्ण भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों से संबंधित संवेदनशील जानकारी हासिल करने के लिए ऑनलाइन क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के माध्यम से भारतीय एजेंटों को गुप्त रूप से पैसा भेजा था.
तस्करी मामले में चार्जशीट :इस बीच, एनआईए ने शुक्रवार को पंजाब और राजस्थान के रास्ते पाकिस्तान से हथियारों / गोला-बारूद और नशीले पदार्थों की तस्करी के मामले में एक नारकोटिक्स ट्रैफिकर के खिलाफ चार्जशीट दायर की है. आरोपी गुरमेज सिंह उर्फ गेजू के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट, 1985 की धारा 29, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 18, 20 और 38 और आईपीसी की धारा 120 बी के तहत पूरक चार्जशीट दाखिल की है. यह मामला प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन ISYF के प्रमुख आरोपी लखबीर सिंह रोडे और उसके सहयोगियों द्वारा ड्रोन के माध्यम से भारत-पाक सीमा पार से भेजे गए मादक पदार्थों, हथियारों, गोला-बारूद, विस्फोटक सामग्री और IED (टिफिन बम) की तस्करी से संबंधित है. एनआईए की जांच में पता चला है कि आरोपी गुरमेज अपने भाइयों के साथ पाक के आकाओं के इशारे विध्वंसक गतिविधियों में शामिल था. उसे पिछले साल अक्टूबर में गिरफ्तार किया गया था. इससे पहले एनआईए ने पांच खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.
एनआईए कोर्ट ने सुनाई सजा :एक अन्य घटनाक्रम में एनआईए की विशेष अदालत ने आईएसआईएस-उमर अल हिंद मॉड्यूल मामले में एक आरोपी को दोषी ठहराया और सजा सुनाई है. अदालत ने सिद्धिखुल असलम उर्फ अबू सिरीन को तीन साल की कठोर कैद और 60 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है. दक्षिण भारत के युवाओं को आईएसआईएस में शामिल करने की साजिश सामने आने के बाद 2016 में एनआईए ने मामला दर्ज किया था
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