मुंबई : मनसुख हिरेन मर्डर केस की जांच अब एनआईए करेगी. ठाणे कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. हिरेन पांच मार्च को मुंबई के पास एक नदी किनारे मृत पाए गए थे. उनकी पत्नी ने अपने पति की संदिग्ध तरीके से हुई मौत में वाजे के संलिप्त होने के आरोप लगाए हैं.
ठाणे सेशन कोर्ट ने एटीएस को मनसुख हिरेन की मौत के मामले की जांच रोकने और केस एनआईए को सौंपने को कहा है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हिरेन मामले की जांच 20 मार्च को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी थी. हालांकि एटीएस ने अपनी जांच जारी रखी और दो दिन पहले इस मामले को सुलझाने का दावा किया.
केंद्रीय जांच एजेंसी के वकील ने कहा कि एनआईए ने ठाणे के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से एटीएस को यह निर्देश देने का अनुरोध किया था कि वह मामले को सौंप दे.
मजिस्ट्रेट ने दोनों एजेंसियों की दलीलें सुनने के बाद निर्देश दिया कि एटीएस का जांच अधिकारी जांच पर आगे नहीं बढ़ेगा और बिना किसी देरी के सभी संबंधित दस्तावेज और रिकॉर्ड एनआईए को सौंप देगा.
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एनआईए पहले ही विस्फोटक वाले एसयूवी की बरामदगी से संबंधित मामले की जांच कर रहा है. मुंबई पुलिस के निलंबित सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे को गिरफ्तार किया है.
हिरेन की पत्नी ने आरोप लगाया था कि वाजे कुछ समय से उसी एसयूवी का उपयोग कर रहे थे और उनके पति की मृत्यु में उसकी भूमिका है.
इस सप्ताह की शुरुआत में एटीएस ने दावा किया था कि हिरेन हत्याकांड में वाजे प्रमुख आरोपी है और बृहस्पतिवार को एनआईए की रिमांड समाप्त होने के बाद वह उसकी हिरासत की मांग करेगा. एटीएस ने मामले में निलंबित पुलिसकर्मी विनायक शिंदे और क्रिकेट सट्टेबाज नरेश गौड़ को गिरफ्तार किया है.