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टेरर केस के आरोपी 25 PFI नेताओं की तस्वीरें जारी, NIA ने आरोपियों को पकड़ने में मांगी मदद - पलक्कड़ में श्रीनिवासन की हत्या

एनआईए ने पीएफआई के फरार नेताओं की तस्वीरें जारी कर जानकारी देने वाले को नकद इनाम देने का एलान किया है. इनमें वह 10 पीएफआई नेता भी शामिल हैं जो 16 अप्रैल, 2022 को केरल के पलक्कड़ में श्रीनिवासन की हत्या में शामिल थे. NIA releases images of 25 PFI leaders, terror case, National Investigation Agency.

NIA releases images of 25 PFI leaders
25 PFI नेताओं की तस्वीरें जारी

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 16, 2023, 10:24 PM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने और विभिन्न समुदायों के बीच मनमुटाव को बढ़ावा देने वाले कम से कम 25 फरार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) नेताओं की तस्वीरें जारी की हैं. एजेंसी ने भगोड़ों के बारे में जानकारी देने वालों के लिए नकद पुरस्कार की भी घोषणा की है.

विभिन्न सोशल मीडिया चैनलों के माध्यम से तस्वीरें प्रसारित करते हुए एनआईए ने कहा कि भगोड़ों की गिरफ्तारी के लिए विश्वसनीय जानकारी साझा करने वाले व्यक्तियों को उचित पुरस्कार दिया जाएगा. आतंक विरोधी एजेंसी द्वारा जारी की गई तस्वीरों में 10 पीएफआई नेता भी शामिल हैं जो 16 अप्रैल, 2022 को केरल के पलक्कड़ में श्रीनिवासन की हत्या में शामिल थे.

एजेंसी ने कहा कि अंदुल वहाब वीए, अब्दुल रशीद के, अयूब टीए, मुहम्मद मंजूर सहित अन्य भगोड़ों ने अन्य समुदायों के लोगों को मारने के लिए बड़ी साजिशें भी रचीं.

एजेंसी ने कहा कि 'पीएफआई से जुड़े ये आरोपी व्यक्ति अन्य समुदायों के व्यक्तियों को निशाना बनाने की एक बड़ी साजिश में शामिल थे और 16.4.2022 को केरल के पलक्कड़ में श्रीनिवासन की हत्या में शामिल थे. उनके बारे में कोई भी जानकारी कृपया व्हाट्सएप/डीएम +919497715294 पर भेजें.' एजेंसी ने दोपहिया वाहन पर एक अज्ञात पीएफआई हमलावर की तस्वीर भी प्रसारित की, जो श्रीनिवासन की हत्या में भी शामिल था.

एजेंसी ने कहा कि 5 फरवरी, 2019 को पीएफआई के पांच सदस्यों ने एक आतंकवादी गिरोह बनाया और तमिलनाडु के तंजावुर जिले के कुंभकोणम में आम लोगों को आतंकित करने के लिए रामलिंगम की हत्या की. उनकी पहचान मोहम्मद ऐ जिन्ना, अब्दुल मजीथ, बुरकानुदीन, शाहुल हमीद और नफील हसन के रूप में की गई और सभी तमिलनाडु के निवासी थे.

पिछले साल 28 सितंबर को भारत सरकार ने पीएफआई को 'गैरकानूनी संगठन' घोषित किया और यूएपीए अधिनियम के तहत संगठन पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया.

सरकार ने कहा कि संगठन 'देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के लिए हानिकारक था.' इसमें स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया, जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश और इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया जैसे आतंकी संगठनों के साथ पीएफआई के कथित संबंध का भी हवाला दिया गया है. जब से पीएफआई पर प्रतिबंध लगा, एनआईए पीएफआई सदस्यों और उनकी संपत्तियों की तलाश में पूरे भारत में तलाशी और छापेमारी करती रही.

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