जयपुर. एनआईए ने राजधानी जयपुर समेत प्रदेश भर में पीएफआई के पदाधिकारियों के ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई को अंजाम दिया. शनिवार सुबह से ही जयपुर, कोटा, सवाई माधोपुर और बूंदी समेत अन्य जगह पर छापेमार कार्रवाई शुरू की गई. राजधानी में रामगंज, नाई की थड़ी जयसिंहपुरा खोर समेत अन्य जगहों पर एनआईए ने कार्रवाई को अंजाम दिया. इस दौरान पीएफआई के पदाधिकारियों को हिरासत में लेने की भी सूचना सामने आई है.
जानकारी के मुताबिक पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के पूर्व पदाधिकारियों के ठिकानों पर शनिवार सुबह राजधानी जयपुर समेत प्रदेश भर में एनआईए ने छापेमारी कार्रवाई को अंजाम दिया. जयपुर में रामगंज नाई की थड़ी जयसिंह पुरा खोर इलाके में कार्रवाई करते हुए पूर्व जिला अध्यक्ष मोहम्मद नदीम को हिरासत में लेने की खबर सामने आ रही है. हालांकि, एनआईए के अधिकारियों की ओर से अभी तक इस मामले में किसी प्रकार की कोई पुष्टि नहीं की गई है कि किन-किन लोगों को कहां-कहां से हिरासत में लिया गया है. जयपुर के साथ कोटा, सवाई माधोपुर, बूंदी समेत अन्य जगहों पर भी सर्च अभियान चलाया जा रहा है.
कोटा में छापेमार कार्रवाई: एनआईए की टीम ने कोटा के विज्ञान नगर इलाके में अंसार इंदौरी के घर पर छापा मारा. सूत्रों के अनुसार, अंसार इंदौरी एडवोकेट हैं. साथ ही पीएफआई का पूर्व कार्यकर्ता रहा है. वह लंबे समय से वह पीएफआई से जुड़ी गतिविधियों को संचालित कर रहा था. इसमें पीएफआई की फंडिंग में भी अहम रोल अंसार इंदौरी अदा कर रहा था. हालांकि, एनआईए की टीम ने इन छापों के संबंध में किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी है. लंबे समय तक वह अंसारी से पूछताछ कर वापस लौट गई है.
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बता दें कि इससे पहले भी एनआईए की टीम दो बार कोटा में अलग-अलग छापेमार कार्रवाई कर चुकी है. जिसमें बीते साल सितंबर में कोटा, बारां और सांगोद में भी छापामार गया था. इसमें पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष आसिफ मिर्जा को तमिलनाडु और एसडीपीआई के प्रदेश सचिव साजिद सर्राफ गिरफ्तार किया था. उसके बाद इस साल जनवरी महीने में भी कोटा के विज्ञान नगर इलाके में पीएफआई के जिला अध्यक्ष रहे साजिद अहमद के विज्ञान नगर स्थित किराए के मकान पर छापा मारा था. इसी तरह से अनंतपुरा थाना इलाके के विज्ञान बॉम्बे योजना में मुबारिक मंसूरी के घर पर छापा मारा था. जिसमें कुछ अवांछनीय सामग्री भी एनआईए ने बरामद की थी.
पीएफआई पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लगाया है बैन: बता दें कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को बैन करने के बाद लगातार छापेमारी कार्रवाई देखने को मिल रही है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर बैन लगाया है. पीएफआई के कई पदाधिकारियों के टेरर फंडिंग में लिंक होने के चलते ये कार्रवाई की गई. पीएफआई के पदाधिकारियों पर टेरर फंडिंग के आरोप थे.
जिस वकील के यहां छापा, वे बोले-हैरेसमेंट के लिए कार्रवाई हुई
एनआईए की टीम ने कोटा में रामपुरा कोतवाली थाना इलाके में भी दो जगह पर दबिश दी है. इसमें लाडपुरा स्थित एक मस्जिद में भी एनआईए की टीम पहुंची. यहां पर मस्जिद के सदर से बातचीत की और काफी सारी जानकारियां जुटाईं. इसी इलाके में पीएफआई का पुराना ऑफिस स्थित था. ऐसे में वहां भी नोटिस चस्पा किया गया है. दूसरी तरफ से वकील अंसार इंदौरी के यहां कार्रवाई हुई है. उनका कहना है कि उन्होंने बारां से बीते साल सितंबर में गिरफ्तार किए एसडीपीआई के प्रदेश सचिव सादिक सर्राफ की तरफ से की याचिका दाखिल की हुई है और इस पूरे मामले को ही चैलेंज किया था. इसके बाद ही कागजातों को देखने टीम पहुंची थी. उनका कहना है कि मेरे यहां से कोई मानव अधिकार से जुड़ी 7 किताबों और कुछ रिपोर्ट को जप्त किया गया है.
उनका कहना है कि यह कार्रवाई जिस तरह से मैं एक पेटीशनर का एडवोकेट हूं, तो मुझे डराने-धमकाने के हिसाब से ही कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि यह छापा दिल्ली में दर्ज एक मुकदमा RC 41/2022/NIA/DLI के सम्बन्ध में था. वे समाज के वंचित और शोषित वर्ग के मानव अधिकारों और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ते रहे हैं. आगे भी ये संघर्ष जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि वो एनआईए की जांच में कानूनी तरीके से सहयोग करेंगे. करीब 3 से 4 घंटे घर पर एनआईए की टीम रही और उसके बाद पुलिस स्टेशन ले गई. करीब एक घंटे की पूछताछ के बाद उन्हे छोड़ दिया गया.