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एल्गार मामला : नवलखा, भारद्वाज ने मांगी क्लोन कॉपी, NIA को हाईकोर्ट से मिला और समय

अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल (Additional Solicitor General) अनिल सिंह ने शुक्रवार को जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एनजे जामदार की पीठ को सूचित किया कि NIA का जवाब लगभग तैयार है. उन्होंने इसे दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का अतिरिक्त समय देने का अनुरोध किया. सिंह के इस अनुरोध को पीठ ने स्वीकार कर लिया.

बंबई उच्च न्यायालय
बंबई उच्च न्यायालय

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Published : Sep 3, 2021, 3:40 PM IST

मुंबई :एल्गार परिषद (Elgar Parishad) एवं माओवादियों से संबंध होने के मामले में आरोपी एक्टिविस्ट सुधा भारद्वाज (Activist Sudha Bharadwaj) और गौतम नवलखा (Gautam Navlakha) की याचिकाओं पर शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) में सुनवाई हुई. अदालत ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (National Investigation Agency-NIA) को जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का वक्त दिया. याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि एजेंसी ने उनसे जो इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए हैं, उनकी क्लोन प्रति उन्हें मुहैया कराई जाए.

भारद्वाज और नवलखा ने इन प्रतियों के लिए पिछले महीने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. अदालत ने 20 अगस्त को NIA को इस याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया था.

अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल (Additional Solicitor General) अनिल सिंह ने शुक्रवार को जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एनजे जामदार की पीठ को सूचित किया कि NIA का जवाब लगभग तैयार है. उन्होंने इसे दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का अतिरिक्त समय देने का अनुरोध किया. सिंह के इस अनुरोध को पीठ ने स्वीकार कर लिया.

पढ़ें :एल्गार मामला : नवलखा ने जेल में हिरासत की बजाय घर में नजरबंदी का अनुरोध किया

सिंह ने कहा कि सुनवाई की पिछली तारीख को जो मौखिक बयान दिया गया था, एजेंसी उसे ही जारी रखना चाहती है. उसमें एजेंसी ने कहा था कि एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में उपरोक्त याचिकाओं पर उच्च न्यायालय से सुनवाई की अगली तारीख तक शहर की विशेष NIA अदालत में आरोप तय नहीं किए जाऐंगे.

पिछले महीने NIA ने विशेष अदालत में मसौदा आरोप दायर किया था. वहीं, अदालत ने आरोप तय करने के लिए 23 अगस्त की तारीख तय की थी.

मामले में भारद्वाज, नवलखा एवं कुछ अन्य सह-आरोपियों ने आरोप तय करने से पहले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की क्लोन प्रतियों की मांग की है. आरोपियों ने विशेष अदालत से अनुरोध किया था कि आरोप तब तक तय नहीं किए जाएं तब तक कि क्लोन प्रतियों के उनके आवेदनों का निबटारा नहीं हो जाता. लेकिन, विशेष अदालत ने इससे इनकार कर दिया, जिसके बाद भारद्वाज और नवलखा ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया.

(पीटीआई-भाषा)

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