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एनआईए ने जम्मू-कश्मीर में शांति भंग करने की योजना में शामिल 2 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया

एनआईए ने जम्मू कश्मीर में शांति भंग करने की योजना में शामिल दो लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया. पुलिस ने आरोपी को जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर का करीबी बताया है.

NIA, concept photo
एनआईए, कॉन्सेप्ट फोटो

By IANS

Published : Nov 15, 2023, 6:58 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हिंसा के कृत्यों के माध्यम से जम्मू-कश्मीर में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की आतंकी साजिश मामले में एक पाकिस्तानी नागरिक सहित दो आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है.

आरोपियों की पहचान मोहम्मद के रूप में हुई है. उबैद मलिक, जिला कुपवाड़ा का निवासी और मुहम्मद दिलावर इकबाल उर्फ माज़ खान कश्मीरी उर्फ माज़ खान, अब्बासपुर, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) का निवासी है. दोनों सुरक्षा बलों और तथाकथित "बाहरी लोगों" पर हमले करके केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की आपराधिक साजिश में शामिल थे.

अधिकारी ने कहा, “जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अज़हर अल्वी का करीबी सहयोगी दिलवर, प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और उनके सहयोगियों द्वारा आतंकवादी कृत्यों और गतिविधियों को अंजाम देने के लिए रची गई एक बड़ी साजिश के हिस्से के रूप में कश्मीरी युवाओं को प्रेरित करने में लगा हुआ था.“ एनआईए की जांच के अनुसार, दिलवर उबैद को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी रैंक में शामिल होने के लिए प्रेरित करने के लिए जिम्मेदार था.

अधिकारी ने कहा, “दिलवर उग्रवादी पृष्ठभूमि वाले युवाओं को भड़काऊ ऑडियो क्लिप और वीडियो के साथ-साथ मौलाना मसूद अज़हर अल्वी की तस्वीरें साझा करके जिहाद के लिए उकसाएगा, जिसमें मौलाना को कट्टरपंथी इस्लाम का प्रचार करते हुए दिखाया जाएगा। वह कश्मीर घाटी में मुठभेड़ों से संबंधित वीडियो भी भेजता था और युवाओं को हथियार उठाने के लिए उकसाता था.”

दोनों आरोपियों पर आईपीसी, 1860 की धारा 120बी और 121ए और यूएपीए, 1967 की धारा 18, 18बी, 20 और 38 के तहत आरोप लगाए गए हैं. आतंकी साजिश का मामला 21 जून, 2022 को एनआईए द्वारा स्वत: संज्ञान लेते हुए दर्ज किया गया था। यह पाकिस्तान समर्थित के हिस्से के रूप में चिपचिपे बम, आईईडी और छोटे हथियारों आदि के साथ जम्मू-कश्मीर में हिंसक आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए आतंकवादी संगठनों द्वारा रची गई साजिश से संबंधित है.

अधिकारी ने कहा, “इसमें स्थानीय युवाओं को कट्टरपंथी बनाना और द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ), यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट जम्मू एंड कश्मीर (यूएलएफजेएंडके), मुजाहिदीन गजवत-उल-हिंद (एमजीएच), जम्मू और कश्मीर जैसे नए उभरे आतंकवादी संगठनों के ओवरग्राउंड कार्यकर्ताओं को जुटाना शामिल है. ये कार्यकर्ता संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम), हिज्ब-उल-मुजाहिदीन (एचएम), अल-बद्र, अल-कायदा आदि जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों से संबद्ध हैं.

ने कहा, “मामले की जांच जारी है और एनआईए जम्मू-कश्मीर में फिर से आतंक फैलाने, शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की आतंकवादी संगठनों की बड़ी साजिश को बेनकाब करने और विफल करने के लिए लगातार काम कर रही है.”

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