श्रीनगर:राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (National Investigation Agency) ने विशेष एनआईए कोर्ट नई दिल्ली में जम्मू कश्मीर आतंकवाद षडयंत्र मामले में 25 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है. इनमें बशीर अहमद पीर, इंतियाज कुंडु, बिलाल अहमद मीर, ओवैस अहमद डार, तारिक अहमद डार, तारिक अहमद बफंडा, मो. हनीफ, हन्नान गुलजार डार, मतीन अहमद भट, कामरान अशरफ, रायीद बशीर, मो. मन्नान डार, जमील आदिल भट, हरीस निसार लंगू, रउफ अहमद भट, सोबिया अजीज मीर, आमिर अहमद गोजरी, सादात अमीन मलिक, इशफाक अमीन वानी, राशिद मुजफर, नाशिर अहमद मीर, इरफान तारिक, सुहैल अहमद ठोकर, आदिल अहमद, आरिफ फारुख भट के नाम शामिल हैं.
क्या है मामला:यह मामला लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिज्ब-उल-मुजाहिदीन, अल-बद्र और उनके सहयोगी जैसे रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF), पीपल एंटी-फासिस्ट फोर्सेस (PAFF) जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं द्वारा जम्मू-कश्मीर और देश के अन्य हिस्सों में हिंसक आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने से जुड़ा है. आरोप है कि इन संगठनों से जुड़े आरोपियों ने भौतिक और साइबर स्पेस दोनों जगहों पर साजिश रची है.
जांच में क्या पता चला: जांच में पाया गया कि पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों द्वारा स्वदेशी विरोधी समूहों के साथ हाथ मिलाकर गहरी साजिश की जा रही है. जिनके नाम पर आतंकवादी कृत्यों को अंजाम दिया जा रहा है. अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद यह बदलाव जम्मू कश्मीर में किए गए आतंकवादी कृत्यों के दावों में स्पष्ट है. क्योंकि द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF), पीपल अगेंस्ट फासिस्ट फोर्सेज (PAFF), यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट, मुस्लिम जांबाज फोर्स (MJF), कश्मीर जाबांज फोर्स (KJF), कश्मीर टाइगर्स, कश्मीर फाइट, मुजाहिदीन जैसे कई संबद्ध/ऑफशूट संगठन कई आतंकवादी घटनाओं का दावा करते हुए अचानक उग आए हैं.