नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. एनआईए ने पश्चिम बंगाल में भारी मात्रा में विस्फोटक और डेटोनेटर सप्लाई करने के आरोप में बीते दिनों दो लोगोंस बोकारो के मेराजुद्दीन अली खान और बीरभूम के मीर मोहम्मद नुरुज्जमां को गिरफ्तार किया. उन्हें रानीगंज और कोलकाता से गिरफ्तार किया गया. इन पर 81,000 डेटोनेटर और 27,000 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट की तस्करी का आरोप है. ये इतना ज्यादा विस्फोटक था कि पूरा का पूरा एक इलाका तबाह हो जाता.
इस गिरफ्तारी के बाद वैज्ञानिक और लेखक आनंद रंगनाथन ने एक वीडियो ट्वीट किया है. जिसमें उन्होंने लेबनान की राजधानी बेरूत का विडियो ट्वीट किया है. इसमें उन्होंने लिखा है कि यह 2020 का बेरूत फ़ुटेज है जिसमें 2,500 टन अमोनियम नाइट्रेट की वजह से विस्फोट हुआ है. इसने 3.3 तीव्रता का भूकंप पैदा किया. ऐसे में एनआईए ने जो गिरफ्तारी की उसकी बात क्यों नहीं हो रही.
जून 2022 में बरामद किया गया था विस्फोटक : दरअसल इन दो लोगों की गिरफ्तारी जून 2022 से जुड़े मामले में हुई है. जून 2022 में एसटीएफ कोलकाता ने एक SUV को इंटरसेप्ट किया था और लगभग 81,000 इलेक्ट्रिक डेटोनेटर बरामद किए थे. एसयूवी के ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया था, उससे पूछताछ के बाद पुलिस ने विस्फोटक का जखीरा बरामद किया था. इसमें 27,000 किलो अमोनियम नाइट्रेट, 1,625 किलो जिलेटिन की छड़ें और 2,325 और इलेक्ट्रिक डेटोनेटर शामिल थे.
एनआईए कर रही जांच :बंगाल के बीरभूम में मोहम्मद बाजार पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था. विस्फोटक बरामदगी मामले को एनआईए ने पिछले साल सितंबर में अपने हाथ में लिया था. इस मामले में रिंटू एसके को एनआईए ने इस साल जनवरी में गिरफ्तार किया था. एनआईए ने बताया कि नरूज्जमां ने रिंटू को 27,000 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट की आपूर्ति की थी, जबकि खान ने उसे इलेक्ट्रिक डेटोनेटर और जिलेटिन रॉड की आपूर्ति की थी. मेराजुद्दीन और मीर मोहम्मद नूरज्जमां की गिरफ्तारी के बाद जांच आगे बढ़ रही है लेकिन सबसे बड़ा सवाल अमोनियम नाइट्रेट की इतनी ज्यादा मात्रा में बरामदगी का है. आखिर किस खतरनाक मकसद से इतना ज्यादा विस्फोटक जमा किया जा रहा था.
2020 में बेरूत में हुआ था धमाका :लेबनान की राजधानी बेरूत में 4 अगस्त 2020 को एक धमाका हुआ था, जिसने पूरे शहर को मलबे में तब्दील कर दिया था. इस धमाके के वीडियो को देखकर आज भी लोग सहम जाते हैं. बेरूत में दस किमी का इलाका पूरी तरह तबाह हो गया था. साल 2022 में राजधानी बेरूत के बंदरगाह पर ऐसा धमाका हुआ था, जिससे पूरा शहर मलबे में तब्दील हो गया था.
हर तरफ कई किलोमीटर तक धुएं का गुब्बार और तबाही का मंजर देखा गया. इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढह गईं. करीब 150 लोगों की जान चली गई और 5 हजार से ज्यादा घायल हो गए. इस विस्फोट के पीछे मुख्य कारण अमोनियम नाइट्रेट के गोदाम में लगी आग थी. जब्त अमोनियम नाइट्रेट गोदाम में रखा हुआ था. गोदाम में करीब 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट रखा हुआ था. भूकंप विज्ञानियों ने बताया था कि धमाका 3.3 तीव्रता का था और इसकी आवाज 200 किलोमीटर दूर तक सुनी गई.
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