पटनाःबिहार के पटना जिले के ट्रांसपोर्ट नगर में दो सफाई कर्मचारियों की मौत के बारे में एक मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लेने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने गुरुवार को बिहार सरकार को नोटिस (NHRC notice to Bihar government ) जारी किया. मुख्य सचिव, बिहार सरकार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पटना और आयुक्त, पटना नगर निगम को नोटिस जारी कर छह सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है.
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आयोग ने पूरे मामले का मांगा विवरणःआयोग ने पाया कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री, यदि सत्य है तो पीड़ितों के जीवन के अधिकार के उल्लंघन का एक गंभीर मुद्दा है. नोटिस में कहा गया है, "इस मामले में दर्ज एफआईआर की स्थिति, जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ की गई विभागीय कार्रवाई और पीड़ित परिवारों को राज्य के अधिकारियों की ओर से प्रदान की गई राहत और पुनर्वास का विवरण आपेक्षित है". आयोग पर्याप्त और उचित सुरक्षात्मक/सुरक्षा गियर या उपकरण के बिना खतरनाक सफाई की गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की लगातार वकालत करता रहा है.
"अभी तक मेरे पास एनएचआरसी का कोई ऐसा नोटिस नहीं आया है. नोटिस मिलने के बाद इसका माकूल जवाब दिया जाएगा. वैसे बता दें कि जिन सफाईकर्मियों की मौत हुई है, वे पटना नगर निगम के कर्मी नहीं हैं. फिर भी पूरे मामले की उचित जांच की जाएगी" -शीला ईरानी, उपायुक्त, पटना नगर निगम
2021 में आयोग ने जारी की थी एडवाइजरीःआयोग ने 24 सितंबर, 2021 को इस संबंध में केंद्र, राज्यों और स्थानीय अधिकारियों को एक एडवाइजरी भी जारी की थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल 11 अप्रैल को बिहार के पटना के ट्रांसपोर्ट नगर इलाके में एक भूमिगत नाले की सफाई के लिए गए दो मजदूरों की दम घुटने से मौत हो गई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि ड्रेनेज की सफाई में शामिल नियोक्ता कंपनी ने उन्हें कोई सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराया था.
संबंधित अधिकारी ऐसी खतरनाक गतिविधियों पर निगाह रखेःइससे पहले एनएचआरसी ने गुजरात और हरियाणा की राज्य सरकारों को उनके मुख्य सचिवों और डीजीपी के माध्यम से दो अलग-अलग घटनाओं में सात सफाई कर्मचारियों की मौत की रिपोर्ट के लिए नोटिस जारी किया था. नोटिस जारी करते हुए आयोग ने पाया कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री संबंधित अधिकारियों की लापरवाही का संकेत देती है. इसके परिणामस्वरूप पीड़ित के जीवन के अधिकार का उल्लंघन होता है. सिर्फ इसलिए कि घटना निजी संपत्ति पर हुई है, यह संबंधित अधिकारियों को अपने अधिकार क्षेत्र में होने वाली ऐसी खतरनाक गतिविधियों की निगरानी के अपने उत्तरदायित्व से छुटकारा पाने की अनुमति नहीं दे सकता है.(एएनआई)