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Addicted to Drugs in Punjab Jails: एनएचआरसी ने पंजाब में कैदियों के नशे के आदी होने की खबर पर राज्य सरकार को जारी किया नोटिस

अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि एनएचआरसी ने उस मीडिया रिपोर्ट पर पंजाब सरकार और राज्य के जेल प्रमुख को नोटिस भेजा है, जिसमें दावा किया गया है कि उनकी जेलों में 42 प्रतिशत कैदी नशे के आदी हैं. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक बयान में कहा है कि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री, यदि सच है, तो केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ सहित पंजाब की विभिन्न जेलों में बंद कैदियों के मानवाधिकार उल्लंघन का गंभीर मुद्दा उठाती है. National Human Rights Commission, addicted to drugs, addicted to drugs in Punjab Jails.

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कैदी नशे के आदी

By PTI

Published : Oct 27, 2023, 10:42 PM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने मीडिया में आई एक खबर में, पंजाब की जेलों में 42 प्रतिशत कैदियों के नशे के आदी होने का दावा किये जाने पर राज्य सरकार और कारागार प्रमुख को नोटिस जारी किया है. इस मामले की जानकारी शुक्रवार को अधिकारियों ने दी. आयोग ने एक बयान में कहा है कि मीडिया में आई खबर में किया गया दावा यदि सही है, तो यह केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ सहित पंजाब की विभिन्न जेलों में बंद कैदियों के मानवाधिकार हनन का गंभीर मामला है.

एनएचआरसी के एक बयान के मुताबिक, इसने राज्य के मुख्य सचिव और कारागार महानिदेशक के साथ-साथ कारागार महानिदेशक, चंडीगढ़ को नोटिस जारी किया है और चार सप्ताह के भीतर इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. बयान के अनुसार, आयोग ने मीडिया में आई इस खबर का स्वत: संज्ञान लिया है कि आधिकारिक सूत्रों ने हालिया अध्ययनों का हवाला देते हुए संकेत दिया है कि पंजाब की जेलों में बंद 42 प्रतिशत कैदी मादक पदार्थों के आदी हैं.

एनएचआरसी ने एक बयान में कहा कि 'रिपोर्ट में समाचार रिपोर्ट में उल्लिखित बैठक के दौरान सामने आए गंभीर मुद्दे के समाधान के लिए अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई शामिल होनी चाहिए.' बयान में कहा गया कि आयोग जानना चाहेगा कि कैदियों द्वारा जानबूझकर खुद को नुकसान पहुंचाने और आत्महत्या के प्रयासों को कम करने के संबंध में 19 जून, 2023 को जारी की गई सलाह के अनुरूप, पंजाब और चंडीगढ़ जेलों के कैदियों को नशीली दवाओं के खतरे से बचाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं या उठाए जाने का प्रस्ताव है.

विशेष रूप से, पंजाब दशकों से सीमा पार नार्को आतंकवाद के साथ-साथ नशीली दवाओं के खतरे को देख रहा है और कई रिपोर्टों में दावा किया गया है कि सीमावर्ती राज्य में नशीली दवाओं का दुरुपयोग बढ़ रहा है और न केवल नशेड़ियों/दुर्व्यवहार करने वालों बल्कि उनके परिवारों के जीवन को भी नष्ट कर रहा है.

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