नई दिल्ली : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने महाराष्ट्र के नागपुर में खून चढ़ाए जाने के बाद चार बच्चों के एचआईवी से संक्रमित हो जाने संबंधी खबर को लेकर महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया है. आयोग के अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार के साथ ही केंद्र सरकार के खाद्य एवं औषधि विभाग के सचिव को भी नोटिस जारी कर कहा गया है कि मामले में शुरुआती जांच को लेकर छह सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपी जाए.
आयोग की ओर से जारी बयान के मुताबिक, एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चार बच्चों का थैलेसीमिया का उपचार चल रहा था, जिसमें रक्त चढ़ाए जाने के लिए पहले 'न्यूकलिक एसिड टेस्ट' कराना होता है, लेकिन संबंधित स्थान पर इसकी सुविधा नहीं थी और बच्चों में बिना जांच के ही खून चढ़ा दिया गया. आयोग ने कहा कि उसने उस खबर का स्वत: संज्ञान लिया है, जिसमें कहा गया है कि खून चढ़ाये जाने के बाद चार बच्चे एचआईवी से संक्रमित हो गए और इनमें से एक बच्चे की मौत हो गई. उसका कहना है कि अगर यह खबर सच है तो यह पीड़ितों के मानवाधिकार का उल्लंघन है.
बता दें कि महाराष्ट्रके नागपुरजिले में दूषित रक्त चढ़ाने से थैलेसीमिया से पीड़ित चार बच्चे एचआईवी से संक्रमित हो गए, जिनमें से एक की मौत भी हो गई. दरअसल, यहां के जरीपटका इलाके के एक निजी अस्पताल में थैलेसीमिया से पीड़ित चार बच्चों को दूषित रक्त चढ़ा दिया गया था, बाद में बच्चे एचआईवी से संक्रमित पाए गए. डॉक्टर विक्की रघवानी ने बताया कि इनमें से एक बच्चे की मौत भी हो गई है.