लुधियाना:पंजाब में लगभग दो वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र में गिरावट को लेकर राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने चिंता जताई है. एनजीटी ने राज्य सरकार को पेड़ों की बड़े पैमाने पर हो रही कटाई को रोकने के लिए एक नीति बनाने का निर्देश दिया है. लुधियाना पब्लिक एक्शन कमेटी के सदस्यों ने एनजीटी के समक्ष एक याचिका दायर की थी, जिसके बाद ये निर्देश दिए गए हैं.
शनिवार को राज्य के मुख्य सचिव को तीन महीने के भीतर इस संबंध में नीति बनाने के निर्देश जारी किया गया है. दरअसल लुधियाना की पब्लिक एक्शन कमेटी के सदस्य कपिल अरोड़ा, कर्नल जसजीत सिंह और कुलदीप खैरा द्वारा दायर याचिका के अनुसार, विकास के नाम पर 500 से अधिक पेड़ काट दिए गए.
उन्होंने शिकायत की कि सिविल अस्पताल, पुलिस कमिश्नर कार्यालय और डिप्टी कमिश्नर कार्यालय समेत लुधियाना के सरकारी संस्थानों में भी पेड़ काटे गए हैं. इस मामले की सुनवाई एनजीटी ने पर्यावरण उल्लंघन अधिनियम 1986 और अनुच्छेद 51ए के तहत की. एनजीटी ने लुधियाना नगर निगम को पेड़ काटने वालों के खिलाफ पुलिस को कार्रवाई करने की सिफारिश करने के लिए कहा है.