नई दिल्ली/जयपुर :नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने राजस्थान के भीलवाड़ा में पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करने पर हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड को 25 करोड़ रुपये का मुआवजा (compensation) देने का आदेश दिया है. जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने हिंदुस्तान जिंक को तीन महीने के अंदर यह राशि भीलवाड़ा के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के समक्ष जमा करने का निर्देश दिया है.
एनजीटी ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन करने का आदेश दिया जो इलाके की भूमि और जल को हुए नुकसान का आकलन कर उसे पुनर्स्थापित करने की योजना बनाएगा. इसके अलावा कमेटी इलाके के लोगों और उनके पशुओं के स्वास्थ्य को हुए नुकसान का आकलन कर उनमें सुधार के लिए काम करेगा. इस कमेटी में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और भीलवाड़ा के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट शामिल होंगे. एनजीटी ने कमेटी को निर्देश दिया कि उसके आदेश की अनुपालन रिपोर्ट 30 अप्रैल तक दाखिल करें.
याचिका भीलवाड़ा जिले के तहसील हुर्द के अगुचा, रामपुरा, बारंतिया, कोटरी, भोजरस, बारला, हुर्दा, भेरुखेड़ा और कोठिया पंचायत के कुछ ग्रामीणों ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि इलाके में करीब 12 सौ हेक्टेयर में फैले हिन्दुस्तान जिंक की खानें हैं जो पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करती हैं. इन खानों में हिन्दुस्तान जिंक की ओर से भूमिगत ब्लास्टिंग की जाती है जिससे इलाके के ग्रामीणों को पेयजल में प्रदूषण की समस्या के अलावा दमा और चर्मरोग की समस्या होती है.