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Delhi HC : न्यूजक्लिक के संस्थापक की अग्रीम जमानत याचिका पर सुनवाई आज - न्यूजक्लिक के संस्थापक

न्यूजक्लिक वेबसाइट के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ ने दिल्ली हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी. सात जुलाई को सुनवाई करते हुए जस्टिस योगेश खन्ना की बेंच ने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को पांच अगस्त यानी आज जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था.

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Published : Aug 5, 2021, 8:24 AM IST

नई दिल्ली:दिल्ली हाई कोर्ट न्यूजक्लिक वेबसाइट के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ को विदेशों से मिले चंदा के मामले में अग्रिम जमानत याचिका पर आज सुनवाई कर सकता है. इससे पहले 7 जुलाई को हाई कोर्ट ने प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी.

विदेशों से मिले चंदा को लेकर न्यूजक्लिक वेबसाइट के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ ने दिल्ली हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी. सात जुलाई को सुनवाई करते हुए जस्टिस योगेश खन्ना की बेंच ने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को पांच अगस्त यानी आज जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था.

प्रबीर पुरकायस्थ पर आरोप है कि उनकी कंपनी PPK न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राईवेट लिमिटेड ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में अमेरिका की कंपनी वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स कंपनी से 9 करोड़ 59 लाख रुपये की FDI हासिल की. EOW में दर्ज FIR में कहा गया है कि ये FDI कानून का उल्लंघन कर हासिल की गई. सुनवाई के दौरान प्रबीर पुरकायस्थ की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि कंपनी ने जब FDI हासिल की थी, उस समय FDI पर कोई सीमा नहीं लगाई गई थी

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सिब्बल ने कहा कि प्रबीर पुरकायस्थ एक महशूर पत्रकार हैं और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म चलाते हैं. डिजिटल मीडिया को देश के बाहर से पैसा लाने की अनुमति थी. उसके बाद के साल में डिजिटल मीडिया के लिए FDI में सीमा तय कर दी गई. उन्होंने कहा कि आरोपी ने धन की कोई हेराफेरी नहीं की है. FDI से मिले धन का इस्तेमाल कर्मचारियों को सैलरी देने में किया गया और ये कानून का कोई उल्लंघन नहीं है.

सुनवाई के दौरान EOW की ओर से पेश वकील मनजीत एस ओबेराय ने अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी सीधे हाई कोर्ट आ गए हैं. FIR में कहा गया है कि FDI कंपनी के शेयरों का ज्यादा मूल्यांकन कर हासिल किया गया ताकि 26 फीसदी FDI के कानून से बचा जा सके. FIR में कहा गया है कि FDI से मिली रकम का 45 फीसदी हिस्सा सैलरी देने, किराया और दूसरे खर्चों में दिखाया गया है.

बता दें कि पिछले 21 जून को हाई कोर्ट ईडी की ओर से दर्ज मनी लाउंड्रिंग के मामले में पुरकायस्थ को पहले ही गिरफ्तारी पर रोक लगा चुकी है.

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