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नवजात के लिए डॉक्टर बनीं भगवान, अपनी सांसें देकर बचायी जान

आगरा के एत्मादपुर सीएचसी में महिला चिकित्सक ने ऑक्सीजन मशीन काम नहीं करने पर मुंह से ऑक्सीजन (माउथ टू माउथ रेस्पेरेशन) देकर एक नवजात की जान बचा ली. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. लोग महिला चिकित्सक को शाबाशी दे रहे हैं और उनके काम की प्रशंसा भी कर रहे हैं.

नवजात
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Published : Mar 14, 2022, 5:45 PM IST

आगरा : नवजात को जीवनदान मिलने का ऐसा चमत्कार वाकया (newborn baby saved) सामने आया जिसे जानने के बाद लोग उस डॉक्टर को शाबाशी दे रहें हैं, जिन्होंने ये कमाल कर दिखाया. ये वाकया आगरा के एत्मादपुर सीएचसी का है, जहां महिला चिकित्सक ने मुंह से ऑक्सीजन (Mouth to Mouth Respiration) देकर एक नवजात की जान बचा ली. इस वाकया का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल (video of lady doctor in agra gone viral) हो गया. लोग महिला चिकित्सक को शाबाशी दे रहे हैं और उनके काम की प्रशंसा भी कर रहे हैं.

दरअसल, प्रसव के बाद शिशु को सांस लेने में दिक्कत होने पर ऑक्सीजन मशीन सांस देने की कोशिश की गई, लेकिन ऐन वक्त पर मशीन बंद पड़ गई. महिला चिकित्सक ने नवजात की जान बचाने के लिए तुरंत अपने मुंह से उसे सांसें दीं, जिसके बाद उसे बचा लिया गया.

महिला डॉ. सुरेखा चौधरी

जानकारी के अनुसार, एत्मादपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में खुशबू नाम की महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया. लेकिन, नवजात सांस नहीं ले पा रही थी. ऑपरेशन थिएटर में प्रसव करा रहीं डॉ. सुरेखा चौधरी ने नवजात को मशीन से ऑक्सीजन देने का प्रयास किया. लेकिन, ऑकसीजन मशीन के काम ना करने से नवजात की जान पर बन आई. डॉ. सुरेखा ने नवजात की जान बचाने के लिए तुरंत अपने मुंह से उसे सांस देना शुरू (baby saved by giving his breath) कर दिया. यह देख वहां मौजूद कर्मचारी हतप्रद रह गए. एक कर्मचारी ने पूरी घटना का वीडियो बना लिया.

नवजात के लिए भगवान बनीं डॉक्टर

वीडियो में देखा जा सकता है कि डॉ. सुरेखा खून से लथपथ नवजात को मुंह से सांस देने के साथ साथ सीने पर पम्प कर रही हैं. आखिरकार वह नवजात को जीवन देने में सफल रहीं. नवजात की सांस लौटने पर डॉ. सुरेखा के चेहरे पर भी खुशी और चमक आ गई. इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोग डॉ. सुरेखा के इस कार्य की प्रशंसा कर रहे हैं.

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डॉ. सुरेखा चौधरी ने बताया कि प्रोलाउन लेबर की वजह से नवजात को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. मशीन से ऑक्सीजन देने में सफलता नहीं मिलने पर उसे मुंह से उसे सांस देकर बचाने का प्रयास किया. करीब सात मिनट बाद नवजात ने रोना शुरू किया. उन्होंने बताया कि इससे पहले भी वह इस तरह से बच्चों की जान बचा चुकी हैं. उन्होंने कहा कि यह उनके लिए किसी उपलब्धि से कम नहीं है.

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