नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के नए भवन का उद्घाटन कर दिया है. पीएम ने स्पीकर की कुर्सी के बगल में सेंगोल को भी पूजा-विधि के साथ स्थापित कर दिया. लेकिन विपक्षी पार्टियों के हमले अब भी जारी हैं. आज के दिन भी विपक्षी दलों की ओर ऐसी प्रतिक्रियाएं आईं हैं, जिसको लेकर सत्ता पक्ष उत्तेजित हो गया है. राष्ट्रीय जनता दल ने अपने एक ट्वीट में संसद की तुलना 'ताबूत' से कर ही. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने इसे देश का 'कलंक' बता दिया.
भारतीय जनता पार्टी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने बताया कि इसी ताबूत में जनता राजद को अगले चुनाव में दफन कर देगी. भाटिया ने लिखा कि यह ऐतिहासिक पल है और पूरा देश गौरवान्वित है.
भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि यह ताबूत राजद के लिए आखिरी कील साबित होगा. पूनावाला ने कहा कि ताबूत तो छह भुजाओं वाला होता है, लेकिन हमारा संसद त्रिभुज जैसा है, जिसका हमारी परंपरा में खासा महत्व है. भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने राजद के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की.
वैसे, जब राजद से इस ट्वीट के बारे में पूछा गया तो पार्टी ने कहा कि इसमें संसद से तुलना नहीं की गई है. राजद ने कहा कि हमने इसके जरिए यह दर्शाया है कि देश में लोकतंत्र को दफन कर दिया गया है. जेडीयू ने भी राजद के ट्वीट से असहमति जताई. शिवसेना उद्धव गुट ने भी इसे सही नहीं माना है.
जेडीयू ने भले ही राजद के ट्वीट से अलग राय रखी हो, लेकिन पार्टी ने इसकी जगह पर कलंक शब्द का इस्तेमाल कर दिया. जेडीयू ने आज के दिन को ही कलंक बता दिया. जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि आज देश के कलंक का इतिहास लिखा जा रहा है.
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने दक्षिण भारत के साधु-संतों को बुलाए जाने पर आपत्ति दर्ज कराई है. मौर्य ने कहा कि यह दूषित मानसिकता और घटिया सोच का प्रदर्शन है.
एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि अच्छा होता कि इस दिन विपक्ष को भी विश्वास में लिया गया होता और उन्हें सादरपूर्वक आमंत्रित किया जाता, आज का आयोजन बिना विपक्ष के अधूरा है.