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नए संसद का 70 फीसदी काम पूरा, एग्जीक्यूटिव एनक्लेव का काम जल्द होगा शुरू

नए संसद भवन का कार्य 70 फीसदी संपन्न हो चुका है. परियोजना के पूरा होने का लक्षित समय नवंबर 2022 है. इस वजह से नए संसद में शीतकालीन सत्र सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास किये जा रह हैं. पढ़ें ईटीवी भारत के वरिष्ठ पत्रकार गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

नए संसद
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Published : Aug 11, 2022, 6:09 PM IST

Updated : Aug 11, 2022, 9:15 PM IST

नई दिल्ली : नए संसद भवन के शेष कार्य को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं ताकि वहां शीतकालीन सत्र आयोजित किया जा सके. यह जानकारी अधिकारियों ने दी. अधिकारियों ने कहा कि नए भवन में मिर्जापुर के हाथ से बुनी कालीन और मध्य प्रदेश व राजस्थान के पत्थरों का प्रयोग किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र से टीकवुड फर्नीचर आ गया है, जबकि अंदरूनी और फर्श पर काम शुरू हो गया है.

पिछले हफ्ते, सरकार ने लोकसभा को बताया था कि नई संसद भवन परियोजना का 70 प्रतिशत काम पूरा हो गया है और काम पूरा होने की लक्षित तिथि नवंबर 2022 है. सूत्रों ने कहा कि इस परियोजना के राष्ट्रीय महत्व को देखते हुए समय सीमा बढ़ाने की अभी कोई योजना नहीं है. घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया, "हम संसद के नए भवन में शीतकालीन सत्र सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं."

उन्होंने संकेत दिया कि नये संसद भवन के कुछ हिस्से 26 नवंबर - संविधान दिवस के आसपास कार्यात्मक हो सकते हैं. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि हालांकि अभी कुछ भी तय नहीं हुआ है. सरकार का कहना है कि संसद का शीतकालीन सत्र नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत बन रहे नए भवन में होगा.

उल्लेखनीय है कि नए संसद भवन का आकार त्रिकोणीय होगा और राष्ट्रीय प्रतीक नए भवन का ताज बनेगा. इसका बिल्ट-अप एरिया 20,000 वर्ग मीटर से अधिक है. इमारत में चार मंजिले हैं जहां 20,000 से अधिक बैठने की क्षमता होगी. नए संसद भवन के राज्यसभा हॉल में 384 सांसदों की बैठने की क्षमता होगी और लोकसभा में 770 सीटें होंगी, जिसमें संयुक्त सत्रों की मेजबानी के लिए 1134 सीटों की अतिरिक्त क्षमता होगी. नए भवन में डिजिटल इंटरफेस और कम बिजली की खपत के लिए सभी नवीनतम गैजेट लगे हैं. 2026 में संसद का विस्तार करने के सरकार के प्रयासों के हिस्से के रूप में भवन का एक बड़ा तल क्षेत्र होगा.

सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत, सरकार एक एग्जिक्यूटिव एन्क्लेव का निर्माण करेगी, जिसमें प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ), इंडिया हाउस, कैबिनेट सचिवालय और एक राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय होगा. अधिकारी ने कहा, "हालांकि, कार्यकारी एन्क्लेव के लिए काम अभी शुरू नहीं हुआ है, क्योंकि यह वर्तमान में निविदा चरण में है."

1,189 करोड़ रुपये की बोली लगाकर, हैदराबाद स्थित निर्माण फर्म डीईसी इंफ्रास्ट्रक्चर एंड प्रोजेक्ट्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड पिछले महीने कार्यकारी एन्क्लेव के निर्माण के लिए सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी है. अधिकारी ने बताया कि आम केंद्रीय सचिवालय भवनों 1,2 और 3 के लिए 17 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है और पूरा काम दिसंबर 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा. वाइस प्रेसिडेंट एन्क्लेव का 24 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. पूरे काम को अगले साल जनवरी तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

Last Updated : Aug 11, 2022, 9:15 PM IST

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