लखनऊ : उपभोक्ताओं पर भार डालने के लिए केंद्र सरकार ने बिजली दरों से संबंधित एक नया कानून तैयार किया है, जो एक अप्रैल 2025 से लागू हो सकता है. इस नए नियम के तहत दिन में बिजली के दाम अलग होंगे तो रात में अलग. इसके तह सरकार दिन में सस्ती और रात में महंगी बिजली देने का कानून बना रही है. केंद्र सरकार के इस कानून को लेकर बिजली संगठनों ने नाराजगी जाहिर करनी शुरू कर दी है. संगठनों का कहना है कि इस नए कानून से उपभोक्ताओं का नुकसान होगा. केंद्र सरकार अपने फायदे के लिए उपभोक्ताओं पर नए कानून के जरिए भार डालने की तैयारी में है.
विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि शायद केंद्र सरकार को यह नहीं पता कि उत्तर प्रदेश में विद्युत नियामक आयोग ने स्मॉल और मीडियम पाॅवर पब्लिक लैंप इलेक्ट्रिक वाईइकिल भारी उद्योग के लिए पहले से ही टीओडी दिन और समय का टैरिफ लागू कर रखा है. घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं पर यह प्रावधान लागू करने से उनका बहुत बड़ा नुकसान होगा. इसलिए विद्युत नियामक आयोग इसे बहुत पहले ही मना कर चुका है. केंद्र सरकार का नया कानून घरेलू उपभोक्ताओं के लिए उसी प्रकार होगा कि केंद्र दो रुपये का लाभ देकर देकर पांच रुपये वसूलेगी. इस कानून को रोकने के लिए पूरे देश के सभी राज्यों के उपभोक्ता संगठन एक मंच पर आएंगे और केंद्र के सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे, लेकिन किसी भी हालत में इस कानून को लागू नहीं होने देंगे. बहरहाल इस मामले पर केंद्रीय उर्जा सचिव आलोक कुमार ने तर्क दिया है कि यह नेशनल पॉलिसी है.