हैदराबाद : कोविड19 की दूसरी लहर के दौरान कोरोना के मामलों में लगातार वृद्धि हुई, जिससे भारत में हालात और खराब हो गए. इस दौरान कोविड के खिलाफ लड़ने के लिए कई संगठन एकजुट हुए और उन्होंने मानव जीवन (Human lives) की रक्षा के लिए नए इनोवेशन (new innovation) किए.
कोविसेल्फ किट (Coviself kit)
9 जून 2021 को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian council of medical research) द्वारा अनुमोदित COVID-19 होम टेस्ट किट को मंजूरी मिली. यह किट रैपिड एंटीजन (Rapid antigen ) के रूप में काम करती है.
कोविड सेल्फ किट से आप घर बैठे भी अपने कोविड का इलाज कर सकते हैं. हालांकि इसका इस्तेमाल आप खुद नहीं कर सकते है. इसके लिए आपको किसी की मदद लेनी पड़ती है. गौरतलब है कि इसका इस्तेमाल बच्चों द्वारा नहीं किया जा सकता.
आप इसका उपयोग नस्ल स्वाब (nasal swab) से कर सकते हैं. इस किट से टेस्ट करने में आपको करीब 15 मिनट का समय लगेगा. इसकी कीमत मात्र 250 रुपये थी.
वेंटिलेटर 'PRANA'
VSSC/ISRO ने एक कम लागत वाला और पोर्टेबल क्रिटिकल केयर वेंटिलेटर (portable critical care ventilator) विकसित किया है, जिसका नाम प्राणा प्रोग्रामेबल रेस्पिरेटरी असिस्टेंस फॉर द नीडी एड (Programmable Respiratory Assistance for the Needy Aid) है.
वेंटिलेटर एएमबीयू बैग के ऑटोमेटिड कम्प्रेशन (automated compression ) पर आधारित है.
सिस्टम में एक एक्सपेरियंस नियंत्रण प्रणाली ( experienced control system ) है, जिसमें एयरवे प्रेशर सेंसर (airway pressure sensor), फ्लो सेंसर (flow sensor), ऑक्सीजन सेंसर, सर्वो एक्ट्यूएटर (servo actuator) के साथ-साथ एक्सापाइरेशन और पीईईपी नियंत्रण वाल्व (PEEP control valves) शामिल हैं.
वेंटिलेटर चिकित्सकों द्वारा डिजायर सेट रेट (desired rate set) पर रोगी के फेफड़ों में ऑक्सीजन-वायु मिश्रण (oxygen-air mixture) का आवश्यक प्रवाह प्रदान कर सकता है.
प्राण इनवेसिव और नॉन-इनवेसिव दोनों तरह के वेंटिलेशन मोड ( ventilation modes) को सपोर्ट करता है और अनिवार्य सांस (controlled by ventilator) के साथ-साथ सहज सांस (controlled by the patient) देने में सक्षम है.
इसरो महत्वपूर्ण चिकित्सा/इलेक्ट्रॉनिक उपकरण निर्माण के निर्माण में अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड रखने वाले सार्वजनिक उपक्रमों/उद्योगों/स्टार्ट-अप्स को प्राण वेंटिलेटर की तकनीक हस्तांतरित करने का इरादा रखता है.
'VaU' (वेंटिलेशन असिस्ट यूनिट)
वीएसएससी/इसरो ने 'वीएयू' (Ventilation assist Uni) नामक एक आईसीयू ग्रेड पॉजिटिव प्रेशर मैकेनिकल वेंटिलेटर (an ICU grade positive pressure mechanical ventilator ) विकसित किया है, जो सांस की तकलीफ के तहत मरीजों में सहज सांस लेने में सहायता कर सकता है.
VaU एक सेंट्रीफूगल ब्लॉयर (centrifugal blower ) पर आधारित है, जो फ़िल्टर की गई एम्बियन एयर (ambient air) में खींचता है, इसे कम्प्रेस करता है और इसे रोगी को वेंटिलेशन प्राप्त करने के लिए वितरित करता है और इसलिए क्म्प्रेस न्यूमेटिक सोर्स (compressed pneumatic source) के बिना काम कर सकता है.
वेंटिलेटर में एक उच्च दबाव ऑक्सीजन स्रोत (high pressure oxygen source) को जोड़ने का प्रावधान भी दिया गया है, जिससे ऑक्सीजन स्वचालित मीटर से श्वसन प्रवाह में वांछित ऑक्सीजन एकाग्रता (FiO2) प्राप्त किया जा सके
वेंटिलेटर में माइक्रोकंट्रोलर (Microcontroller) आधारित नियंत्रण मॉड्यूल सेंसर की एक सरणी से सिग्नल प्राप्त करता है और इलेक्ट्रो-वायवीय घटकों (electro-pneumatic components) को बंद लूप नियंत्रण को प्रभावित करने के लिए आदेश देता है.
स्पेस वेंटिलेटर एडेड सिस्टम फॉर ट्रॉमा एसिस्टेंट (Space Ventilator Aided System for Trauma Assistance)
नॉन-इनवेसिव वेंटिलेशन (non-invasive ventilation) के लिए बेसिक मोड के लिए ट्रॉमा असिस्टेंस के लिए स्पेस वेंटिलेटर एडेड सिस्टम (SVASTA) बनाया गया.
उसी दिन 7 जून 2021 को इसरो द्वारा इन तीन वेंटिलेटर्स PRANA, VaU और SVASTA को पेश किया गया था.
यह वेंटिलेटर फर्स्ट लाइन ट्रीटमेंट (irst line treatment) और वाहनों के अंदर ट्रांजिट वेंटिलेटर (transit ventilators) के रूप में आपातकालीन उपयोग के लिए उपयुक्त है.
मूल डिजाइन सरल है, और महामारी जैसी स्थितियों में आपातकालीन उपयोग के लिए घटकों को आसानी से बड़े पैमाने पर उत्पादित किया जा सकता है.
वेंटिलेटर कम्प्रेशन हवा पर चलता है. यह मैनुअल मैकेनिकल सेटिंग्स (manual mechanical settings) का उपयोग करके विभिन्न वेंटिलेशन स्थितियों को करने में सक्षम है.