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कोरोना महामारी से जंग में मानव जीवन को बचाने के लिए भारतीयों ने किए ये अनूठे आविष्कार

कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच विभिन्न संगठन महामारी से मुकाबला करने के लिए एकजुट होकर सामने आए. इन संगठनों ने लोगों की जान बचाने के लिए नए इनोवेशन किए और कई प्रोडेक्ट विकसित किए.

डिजाइन फोटो
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Published : Jun 13, 2021, 5:33 PM IST

हैदराबाद : कोविड19 की दूसरी लहर के दौरान कोरोना के मामलों में लगातार वृद्धि हुई, जिससे भारत में हालात और खराब हो गए. इस दौरान कोविड के खिलाफ लड़ने के लिए कई संगठन एकजुट हुए और उन्होंने मानव जीवन (Human lives) की रक्षा के लिए नए इनोवेशन (new innovation) किए.

कोविसेल्फ किट (Coviself kit)

9 जून 2021 को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian council of medical research) द्वारा अनुमोदित COVID-19 होम टेस्ट किट को मंजूरी मिली. यह किट रैपिड एंटीजन (Rapid antigen ) के रूप में काम करती है.

कोविड सेल्फ किट से आप घर बैठे भी अपने कोविड का इलाज कर सकते हैं. हालांकि इसका इस्तेमाल आप खुद नहीं कर सकते है. इसके लिए आपको किसी की मदद लेनी पड़ती है. गौरतलब है कि इसका इस्तेमाल बच्चों द्वारा नहीं किया जा सकता.

आप इसका उपयोग नस्ल स्वाब (nasal swab) से कर सकते हैं. इस किट से टेस्ट करने में आपको करीब 15 मिनट का समय लगेगा. इसकी कीमत मात्र 250 रुपये थी.

वेंटिलेटर 'PRANA'

VSSC/ISRO ने एक कम लागत वाला और पोर्टेबल क्रिटिकल केयर वेंटिलेटर (portable critical care ventilator) विकसित किया है, जिसका नाम प्राणा प्रोग्रामेबल रेस्पिरेटरी असिस्टेंस फॉर द नीडी एड (Programmable Respiratory Assistance for the Needy Aid) है.

वेंटिलेटर एएमबीयू बैग के ऑटोमेटिड कम्प्रेशन (automated compression ) पर आधारित है.

सिस्टम में एक एक्सपेरियंस नियंत्रण प्रणाली ( experienced control system ) है, जिसमें एयरवे प्रेशर सेंसर (airway pressure sensor), फ्लो सेंसर (flow sensor), ऑक्सीजन सेंसर, सर्वो एक्ट्यूएटर (servo actuator) के साथ-साथ एक्सापाइरेशन और पीईईपी नियंत्रण वाल्व (PEEP control valves) शामिल हैं.

वेंटिलेटर चिकित्सकों द्वारा डिजायर सेट रेट (desired rate set) पर रोगी के फेफड़ों में ऑक्सीजन-वायु मिश्रण (oxygen-air mixture) का आवश्यक प्रवाह प्रदान कर सकता है.

प्राण इनवेसिव और नॉन-इनवेसिव दोनों तरह के वेंटिलेशन मोड ( ventilation modes) को सपोर्ट करता है और अनिवार्य सांस (controlled by ventilator) के साथ-साथ सहज सांस (controlled by the patient) देने में सक्षम है.

इसरो महत्वपूर्ण चिकित्सा/इलेक्ट्रॉनिक उपकरण निर्माण के निर्माण में अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड रखने वाले सार्वजनिक उपक्रमों/उद्योगों/स्टार्ट-अप्स को प्राण वेंटिलेटर की तकनीक हस्तांतरित करने का इरादा रखता है.

'VaU' (वेंटिलेशन असिस्ट यूनिट)

वीएसएससी/इसरो ने 'वीएयू' (Ventilation assist Uni) नामक एक आईसीयू ग्रेड पॉजिटिव प्रेशर मैकेनिकल वेंटिलेटर (an ICU grade positive pressure mechanical ventilator ) विकसित किया है, जो सांस की तकलीफ के तहत मरीजों में सहज सांस लेने में सहायता कर सकता है.

VaU एक सेंट्रीफूगल ब्लॉयर (centrifugal blower ) पर आधारित है, जो फ़िल्टर की गई एम्बियन एयर (ambient air) में खींचता है, इसे कम्प्रेस करता है और इसे रोगी को वेंटिलेशन प्राप्त करने के लिए वितरित करता है और इसलिए क्म्प्रेस न्यूमेटिक सोर्स (compressed pneumatic source) के बिना काम कर सकता है.

वेंटिलेटर में एक उच्च दबाव ऑक्सीजन स्रोत (high pressure oxygen source) को जोड़ने का प्रावधान भी दिया गया है, जिससे ऑक्सीजन स्वचालित मीटर से श्वसन प्रवाह में वांछित ऑक्सीजन एकाग्रता (FiO2) प्राप्त किया जा सके

वेंटिलेटर में माइक्रोकंट्रोलर (Microcontroller) आधारित नियंत्रण मॉड्यूल सेंसर की एक सरणी से सिग्नल प्राप्त करता है और इलेक्ट्रो-वायवीय घटकों (electro-pneumatic components) को बंद लूप नियंत्रण को प्रभावित करने के लिए आदेश देता है.

स्पेस वेंटिलेटर एडेड सिस्टम फॉर ट्रॉमा एसिस्टेंट (Space Ventilator Aided System for Trauma Assistance)

नॉन-इनवेसिव वेंटिलेशन (non-invasive ventilation) के लिए बेसिक मोड के लिए ट्रॉमा असिस्टेंस के लिए स्पेस वेंटिलेटर एडेड सिस्टम (SVASTA) बनाया गया.

उसी दिन 7 जून 2021 को इसरो द्वारा इन तीन वेंटिलेटर्स PRANA, VaU और SVASTA को पेश किया गया था.

यह वेंटिलेटर फर्स्ट लाइन ट्रीटमेंट (irst line treatment) और वाहनों के अंदर ट्रांजिट वेंटिलेटर (transit ventilators) के रूप में आपातकालीन उपयोग के लिए उपयुक्त है.

मूल डिजाइन सरल है, और महामारी जैसी स्थितियों में आपातकालीन उपयोग के लिए घटकों को आसानी से बड़े पैमाने पर उत्पादित किया जा सकता है.

वेंटिलेटर कम्प्रेशन हवा पर चलता है. यह मैनुअल मैकेनिकल सेटिंग्स (manual mechanical settings) का उपयोग करके विभिन्न वेंटिलेशन स्थितियों को करने में सक्षम है.

प्रणाली विभिन्न टाइडल वॉल्यूम निर्धारित करने के प्रावधान के साथ संचालन के अपने मूल मोड में दबाव नियंत्रण वेंटिलेशन ( pressure control ventilation ) में सक्षम है.

DIPCOVAN

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation ) की एक प्रयोगशाला ने DIPCOVAN नाम की एंटीबॉडी डिटेक्शन-आधारित किट (antibody detection-based kit) विकसित की है.

DIPAS ने वेंगार्ड डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से एंटीबॉडी आधारित डिटेंशन सीरो-सर्विलेंस (sero-surveillance) विकसित की है.

यह रोग की एक विस्तृत श्रृंखला को कवर करने के लिए परीक्षण को बढ़ाने के साथ-साथ न्यूक्लियोकैप्सिड प्रोटीन (nucleocapsid proteins) दोनों के लिए है.

इसने DCGI से टेस्ट लाइसेंस प्राप्त कर लिया गया है और ब्रांड नाम DIPCOVAN पंजीकृत किया गया है.

NIV पुणे में ICMR द्वारा किट के सत्यापन के लिए अनुमोदन प्रक्रियाधीन है. इस बारे में आखिरी अपडेट 21 मई 2021 को दिया गया था कि किट के जून में बाजार में आने की उम्मीद है.

उत्पाद का बाजार मूल्य लगभग 75 रुपये प्रति परीक्षण होने का अनुमान है.

ब्लड प्रेशर मशीन

चेन्नई में केजे हॉस्पिटल रिसर्च एंड पोस्टग्रेजुएट सेंटर (KJ Hospital Research and Postgraduate Center) के शोधकर्ताओं ने मानव हथेली के आकार का एक उपकरण सफलतापूर्वक विकसित और प्रदर्शित किया है.

उनका दावा है कि यह जेटापोटेंशियल (Zetapotential), ब्लड प्रेशर, बॉडी के तापमान, ऑक्सीजन संतृप्ति, रक्त गणना जैसे मापदंडों के आधार पर कुछ ही सेकंड में कोविड -19 का पता लगा सकता है.

डिवाइस को विकसित करने में लगभग 10,000 रुपये की लागत आई है, टीम को उम्मीद है कि उनके निर्माण भागीदार इसे बहुत कम में उत्पादन करने में सक्षम होंगे.

एटमन AI (Atman AI )

CAIR, DRDO सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड रोबोटिक्स (Centre for Artificial Intelligence and Robotics), 5C नेटवर्क और HCG एकेडमिक्स के समर्थन से, चेस्ट एक्स-रे में कोविड का पता लगाने के लिए Atman AI विकसित करता है.

रोगी में कोरोना के लक्षण दिखने से पहले ही वायरस फेफड़ों को प्रभावित करने लगता है. आरटी-पीसीआर परीक्षण की तुलना में जिसमें कई घंटे लगते हैं, एक एक्स-रे आधारित नैदानिक ​​उपकरण (X-ray based diagnostic tool ) कुछ ही सेकंड में प्रारंभिक अवस्था में संक्रमण का पता लगा सकता है.

ATMAN को डीप कनवल्शन न्यूरल नेटवर्क ( Deep Convolution Neural Network ) के साथ मिलकर बनाया गया है, जो सिस्टम को सीखने के लिए कोविड एक्स-रे छवियों (Covid X-ray images) की सीमित उपलब्धता के बावजूद कोविड -19 का सटीक पता लगा सकता है.

सॉफ्टवेयर नेविगेट करने में आसान है और मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप या कंप्यूटर जैसे विभिन्न उपकरणों के माध्यम से इंटरनेट पर आसानी से पहुंचा जा सकता है.

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एक्सरे सेतु

यह डॉक्टरों के लिए व्हाट्सएप पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (artificial intelligence) संचालित चेस्ट एक्सरे का इंटरप्रेटेशन (interpretation) है. पिछले 10 महीनों में ARTPARK, निरामई स्वास्थ्य (Niramai Health) और भारतीय विज्ञान संस्थान (Indian Institute of Science) के AI शोधकर्ताओं के सहयोग से विकसित किया गया है.

एक्सरे सेतु (Xray setu) व्यस्त डॉक्टरों के उपयोग के लिए त्वरित और सरल है. Xray Setu का मुख्य फोकस ग्रामीण भारत में डॉक्टरों को कोविड-19 के शुरुआती निदान में मदद करना है.

डॉक्टर या रेडियोलॉजिस्ट (radiologists) अपने मोबाइल फोन पर अपने मरीज की एक्स-रे प्लेट (X-ray plate) की तस्वीर क्लिक कर सकते हैं और व्हाट्सएप चैटबॉट के जरिए एक्सरे सेतु को भेज सकते हैं.

प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप, अमेजन वेब सर्विसेज, सीडीएसी, कालेरा और NVIDIA द्वारा समर्थित है. एक्सरे सेतु वर्तमान में अपने बीटा चरण में है और उपयोग करने के लिए स्वतंत्र है.

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