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India China talks: चीन के साथ वार्ता की पहल पर उठे सवाल, भारत ने चीन के दावों को किया खारिज, जानें क्या है मामला - चीनी विदेश मंत्रालय

15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान भारत-चीन वार्ता की पहल को लेकर चीन के दावे के बाद एक नया मामला विवाद खड़ा हो गया है. भारत की ओर से आज कहा गया कि यह वार्ता चीन के कहने पर नहीं की गई.

New Delhi rejects claims that India-China talks happened at the latter's request
नई दिल्ली ने इन दावों को खारिज कर दिया कि भारत-चीन वार्ता चीन के अनुरोध पर हुई

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 25, 2023, 2:26 PM IST

नई दिल्ली: भारत ने इन दावों को खारिज कर दिया कि भारत-चीन वार्ता चीन के अनुरोध पर हुई. नई दिल्ली में सूत्रों ने शुक्रवार को चीन द्वारा किए गए हालिया दावे को खारिज कर दिया है और कहा है कि 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर चीन-भारत वार्ता उसके अनुरोध पर हुई थी. चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, 'राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 23 अगस्त, 2023 को उनके अनुरोध पर ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की. इस बीच, भारत की ओर से सूत्रों ने कहा है कि चीनी पक्ष की ओर से द्विपक्षीय बैठक का अनुरोध लंबित था.

सूत्रों ने यह भी पुष्टि की कि हालांकि, दोनों नेताओं ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान लीडर्स लाउंज में अनौपचारिक बातचीत की. चीनी विदेश मंत्रालय के बयान में यह भी कहा गया है कि दोनों नेताओं ने वर्तमान चीन-भारत संबंधों और साझा हित के अन्य सवालों पर स्पष्ट और गहन विचारों का आदान-प्रदान किया और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस बात पर जोर दिया कि चीन-भारत संबंधों में सुधार दोनों के सामान्य हितों को पूरा करता है. साथ ही यह देशों और लोगों के लिए, और दुनिया और क्षेत्र की शांति, स्थिरता और विकास के लिए भी अनुकूल है.

गुरुवार को विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच हुई बातचीत का ब्योरा देते हुए कहा, 'प्रधानमंत्री ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अपनी बातचीत में भारत के पश्चिमी क्षेत्र में चीन सीमा क्षेत्र एलएसी पर अनसुलझे मुद्दों पर भारत की चिंताओं पर प्रकाश डाला.' उन्होंने कहा कि पीएम ने रेखांकित किया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना और एलएसी का निरीक्षण और सम्मान करना भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने के लिए आवश्यक है. क्वात्रा ने कहा, इस संबंध में दोनों नेता अपने संबंधित अधिकारियों को शीघ्र सैनिकों की वापसी और तनाव कम करने के प्रयासों को तेज करने का निर्देश देने पर सहमत हुए.

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मई 2020 में सीमा पर गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली आमने-सामने की मुलाकात है. एलएसी पर झड़प होने के बाद से इस मुद्दे को सुलझाने के लिए रक्षा और विदेश मंत्री स्तर पर कई उच्च स्तरीय बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन पीएम मोदी और चीनी प्रधानमंत्री शी जिनपिंग ने कभी एक कॉल पर बात नहीं की और न ही बातचीत के लिए बैठे. सीमा गतिरोध के बाद से नई दिल्ली और बीजिंग के बीच संबंध अब तक के सबसे निचले स्तर पर है, जिसके लिए बातचीत चल रही है. भारत और चीन ने इस महीने की शुरुआत में भारतीय सीमा में चुशुल-मोल्डो में कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता का 19वां दौर आयोजित किया.

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