नई दिल्ली:राज्यों के नए एआईसीसी प्रभारी आगामी लोकसभा की तैयारी के लिए मैदान में उतर गए हैं. 23 दिसंबर, 2023 को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से अपनी टीम में फेरबदल करने के बाद, पार्टी के भीतर यह चर्चा चल रही थी कि मार्च में संभावित लोकसभा चुनावों के लिए चुनाव आयोग की अधिसूचना के साथ नए प्रभारी को परिणाम दिखाने के लिए सिर्फ दो महीने का समय मिला था.
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने स्वीकार किया कि नए महासचिवों को समय की कमी की चुनौती का सामना करना पड़ा रहा है. हालांकि, वे अपने संगठनात्मक अनुभव और कड़ी मेहनत के सा थ अपनी नई भूमिकाओं में जल्दी से जल्दी खुद को ढाल लेंगे.
एआईसीसी के उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने ईटीवी भारत को बताया कि हां, संसदीय चुनाव में बहुत कम समय बचा है लेकिन हमें अपना काम करना है. एआईसीसी के उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने इस चैनल को बताया कि मैं पहले ही राज्य के वरिष्ठ नेताओं के साथ कई दौर की मंत्रणा कर चुका हूं. आने वाले दिनों में और भी विचार-विमर्श होंगे.
उन्होंने कहा कि हम दशकों से संगठन में हैं और राज्यों के बारे में जानते हैं. आलाकमान यूपी पर बड़ा ध्यान केंद्रित कर रहा है. पांडे को विशेष रूप से राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की सफलता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है. जो अगले महीने उत्तर प्रदेश से गुजरेगी. पांडे ने कहा कि 11 से 18 जनवरी तक मैंने राज्य भर के स्थानीय नेताओं को यात्रा के लिए तैयार करने के लिए जोन-वार कार्यशाला सह प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए हैं, जो यूपी में हमारा प्रमुख कार्यक्रम होने जा रहा है.
इसी तरह, पंजाब के नए एआईसीसी प्रभारी देवेंद्र यादव पार्टी को पुनर्जीवित करने के बारे में कार्यकर्ताओं और नेताओं से प्रत्यक्ष रिपोर्ट लेने के लिए 9 जनवरी से राज्य में हैं. यादव को राज्य के नेताओं से यह फीडबैक लेने का भी काम सौंपा गया है कि सत्तारूढ़ आप के साथ सीट-बंटवारे समझौते पर काम करने के प्रयासों के तहत कांग्रेस को 13 लोकसभा सीटों में से कितनी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए.