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इंडिया गेट पर लगेगी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति : पीएम मोदी

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Published : Jan 21, 2022, 12:49 PM IST

Updated : Jan 21, 2022, 2:36 PM IST

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इंडिया गेट पर नेताजी की मूर्ति लगेगी

13:07 January 21

नई दिल्ली : इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhas Chandra Bose) की भव्य प्रतिमा लगाई जाएगी (Netaji Subhas Chandra Bose statue to be installed at India Gate). इस बात की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं ट्वीट करके दी है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "यह उनके प्रति भारत के ऋणी होने का प्रतीक होगा." बता दे कि, राष्ट्रीय राजधानी में इंडिया गेट पर पिछले 50 साल से जल रही अमर जवान ज्योति का शुक्रवार को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जल रही लौ में विलय किया जाएगा. सेना के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.अमर जवान ज्योति की स्थापना उन भारतीय सैनिकों की याद में की गई थी जो कि 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए थे.

12:48 January 21

इंडिया गेट पर नेताजी की मूर्ति लगेगी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा इंडिया गेट पर महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की ग्रेनाइट की बनी प्रतिमा लगाई जाएगी.

प्रधानमंत्री की यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति की लौ को राष्ट्रीय समर स्मारक पर जल रही लौ के साथ विलय किए जाने को लेकर केंद्र सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर है.

जानकारी के मुताबिक नेताजी की प्रतिमा की लंबाई और चौड़ाई 28x6 होगी.

प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ऐसे समय में जब देश नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मना रहा है, मुझे आपसे यह साझा करते हुए खुशी हो रही है कि ग्रेनाइट की बनी उनकी एक भव्य प्रतिमा इंडिया गेट पर स्थापित की जाएगी. यह उनके प्रति देश के आभार का प्रतीक होगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब तक नेताजी की ग्रेनाइट की प्रतिमा बनकर तैयार नहीं हो जाती तब तक उस स्थान पर उनका एक होलोग्राम प्रतिमा वहां लगाई जाएगी.

उन्होंने कहा कि इस होलोग्राम प्रतिमा का वह 23 जनवरी को नेताजी की जयंती के अवसर पर लोकार्पण करेंगे.

इस युद्ध में भारत की विजय हुई थी और बांग्लादेश का गठन हुआ था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को इसका उद्घाटन किया था. सेना के अधिकारियों ने बताया कि अमर जवान ज्योति का शुक्रवार दोपहर को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जल रही लौ में विलय किया जाएगा जोकि इंडिया गेट के दूसरी तरफ केवल 400 मीटर की दूरी पर स्थित है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी 2019 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया था, जहां 25,942 सैनिकों के नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखे गए हैं.

वहीं,अमर जवान ज्योति का नैशनल वॉर मेमोरियल में विलय किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले पर कांग्रेस आगबबूला हो गई है, मगर कई पूर्व सैनिक इसकी तारीफ कर रहे हैं.

पढ़ें :वॉर मेमोमिरल में अमर जवान ज्योति के विलय पर कांग्रेस भड़की, पूर्व सैनिकों ने किया सपोर्ट

पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसकी आलोचना करते हुए वादा किया कि हम अमर जवान ज्योति को फिर जलाएंगे. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने भी इसकी आलोचना की है. मनीष तिवारी ने ट्वीट कर लिखा है कि जो कुछ भी किया जा रहा है वह एक राष्ट्रीय त्रासदी है और इतिहास को फिर से लिखने का प्रयास है. अमर जवान ज्योति को युद्ध स्मारक मशाल में मिलाने का अर्थ है इतिहास मिटाना. भाजपा ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक बनाया है, इसका मतलब यह नहीं है कि वे अमर जवान ज्योति को बुझा सकते हैं

Last Updated : Jan 21, 2022, 2:36 PM IST

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