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Netaji birth anniversary: सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर 23 जनवरी को अंडमान जाएंगे अमित शाह

सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) 23 जनवरी को अंडमान का दौरा करेंगे. इस दौरान वह उसी स्थान पर झंडा फहराएंगे जहां पर नेताजी ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया था. Netaji birth anniversary

Union Home Minister Amit Shah
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह

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Published : Jan 13, 2023, 3:41 PM IST

पोर्ट ब्लेयर : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह का दौरा करेंगे. एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि नेताजी ने 30 दिसंबर 1943 को यहां जिमखाना मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराया था और शाह 23 जनवरी को उसी स्थान पर झंडा फहराएंगे. इस मैदान का नाम अब 'नेताजी स्टेडियम' है.

केंद्रीय गृह मंत्री के पोर्ट ब्लेयर के पास नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप जाने की भी संभावना है. 'एबेरडीन जेटी' से 15-20 मिनट का नाव का सफर तय करके वहां पहुंचा जा सकता है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 30 दिसंबर 2018 को रॉस द्वीप का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप रखे जाने की घोषणा की थी. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर जापान का कब्जा था और इसे औपचारिक रूप से 29 दिसंबर 1943 को नेताजी की आज़ाद हिंद सरकार को सौंप दिया गया था.

अधिकारी ने कहा कि शाह ईको-टूरिज्म और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी विभिन्न विकासात्मक पहलों का भी जायजा लेंगे. शाह के सेलुलर जेल का दौरा करने और भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय नेताओं से मिलने की भी संभावना है. केंद्रीय गृह मंत्री पिछली बार 2021 में पोर्ट ब्लेयर आए थे. इससे पहले 2021 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अंडमान और निकोबार द्वीप के दौरे पर कहा था कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने द्वीप के दक्षिणी जिले का नाम बदलकर भारतीय राष्ट्रीय सेना प्रमुख नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhas Chandra Bose) के नाम पर रखा है. सरकार उन्हें उनका सही स्थान दे रही है.

शाह ने कहा था कि कई नेताओं की छवि खराब करने की कोशिश की गई लेकिन अब शहीदों को इतिहास में उनका सही स्थान मिलेगा. गृह मंत्री कहा था कि वर्षों से कई नेताओं की छवि को कम करने के प्रयास किए गए. लेकिन अब उन्हें इतिहास में उचित स्थान देने का समय आ गया है. जिन लोगों ने अपने जीवन का बलिदान दिया है उन्हें इतिहास में जगह मिलनी चाहिए. इसलिए हमने द्वीप का नाम बदलकर नेताजी के नाम पर रख दिया है.

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(इनपुट-भाषा)

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