गोरखपुर: भारत-नेपाल की सीमा से सटा गोरखपुर जिला एक समय अपराध और अपराधियों की पौध तैयार करता रहा है. वहीं पड़ोसी देश नेपाल अपराधियों के लिए सबसे सुरक्षित ठिकाने के रूप में जाना जाता है. अस्सी के दशक से लेकर करीब 30 सालों तक ऐसी पृष्ठभूमि देखने को मिलती रही है. बीच के कुछ सालों तक अपराधियों के कनेक्शन नेपाल से कटे हुए थे. लेकिन गोरखपुर पुलिस ने इधर कुछ ऐसे इनामी अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने नेपाल में अपना सुरक्षित ठिकाना बना रखा था. यह अपराधी 25 हजार रुपये तक के इनामी बदमाश थे और पुलिस के लिए सिरदर्द बने हुए थे. इनकी गिरफ्तारी के बाद यह सबूत और पुख्ता हो गए हैं कि पूर्वांचल के अपराधी एक बार फिर नेपाल को अपने सुरक्षित ठिकाने के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं. यही नहीं नेपाल में बैठे-बैठे वो गोरखपुर समेत आसपास के इलाकों में फिरौती और धमकी देकर अपना कारोबार भी चला रहे हैं.
ईटीवी भारत के पाठकों के लिए अपराधियों का सुरक्षित ठिकाना बन चुके नेपाल की कहानी को दो अपराधियों की गिरफ्तारी के साथ आगे बढ़ाते हैं. गोरखपुर कैंट पुलिस और सर्विलांस ने मिलकर 25 हजार के इनामी बदमाश सुनील बहादुर को 10 जुलाई को पकड़ा था. पूछताछ कर पुलिस ने बताया कि इस बदमाश ने नेपाल में अपना ठिकाना बनाया था. मोहरीपुर थाना चिलुआताल निवासी सुनील बहादुर पर लूट, डकैती और हत्या के मुकदमे दर्ज हैं और वो काफी दिनों से फरार चल रहा था. पुलिस ने बताया कि सुनील एक संगठित गिरोह चलाता है. वो नेपाल में कारोबारियों की रेकी कर उनके साथ लूट और डकैती जैसे संगीन अपराधों को अंजाम देता है.
इसी तरह पुलिस ने एक और शातिर अपराधी मनोज साहनी उर्फ टमाटर को 16 जुलाई को गिरफ्तार किया था. उस पर भी 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था. यह शातिर अपराधी भारतीय सीमा में नेपाली कारोबारियों के कदम रखते ही लूट लेता था और उनकी हत्या कर देता था. जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि गिरफ्तार किए गए दोनों अपराधी 25 हजार के इनामी थे. दोनों नेपाल में रहकर भारत की सीमा में आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते थे. पुलिस अब उनके शरणादाताओं का भी पता लगाने में जुट गई है.