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PGI Lucknow में बेड न मिलने से बेटे की मौत से नाराज बीजेपी के पूर्व सांसद ने दिया धरना, जांच कमेटी गठित

संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (Sanjay Gandhi Institute of Medical Sciences) लखनऊ में बीजेपी के पूर्व सांसद भैरों प्रसाद मिश्रा के पुत्र की मौत बेड न मिलने की वजह हो गई थी. इस बात से नाराज पूर्व सांसद ने धरना भी दिया था. बहरहाल पीजीआई के निदेशक ने जांच कमेटी गठित करके दोषी डाॅक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 30, 2023, 9:05 AM IST

Updated : Oct 30, 2023, 12:22 PM IST

पीजीआई लखनऊ में बीजेपी के पूर्व सांसद के पुत्र की मौत.

लखनऊ : संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआई) लखनऊ की इमरजेंसी में बीती शनिवार रात भाजपा के पूर्व सांसद भैरों प्रसाद मिश्रा के पुत्र प्रकाश मिश्रा की मौत हो गई. बेटे की मौत के बाद नाराज पूर्व सांसद समेत परिवारवाले पीजीआई में धरने पर बैठ गए. पूर्व सांसद ने इमरजेंसी के डॉक्टरों पर बेटे को भर्ती न करने का आरोप लगाया है. हालांकि जानकारी मिलते ही पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमन इमरजेंसी पहुंचे और उनको पूरी स्थिति से अवगत कराया. इसके बाद भैरों प्रसाद ने धरना खत्म कर दिया. इसके बाद परिजन शव लेकर चित्रकूट चले गए. इस मामले में प्रथमदृष्टया डाॅक्टरों की लापरवाही सामने आई है. इस बाबत एसजीपीजीआई के निदेशक डाॅ. आर के धीमान ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है. जिसकी आज जांच रिपोर्ट आनी है.

पीजीआई लखनऊ में मरीजों को हो रही परेशानी.

वर्ष 2014 में बांदा से भाजपा के सांसद रहे भैरों प्रसाद मिश्रा के अनुसार उनके पुत्र प्रकाश मिश्रा को गुर्दे की बीमारी थी. जिसका इलाज पीजीआई से चल रहा था. तबीयत बिगड़ने पर शनिवार रात करीब एक बजे इमरजेंसी में पहुंचे थे. डॉक्टर ने भर्ती करना तो दूर बेटे को हाथ तक नहीं लगाया. करीब एक घंटे बाद पुत्र की सांसें थम गईं. इसके बाद डॉक्टर के भर्ती न करने से नाराज पूर्व सांसद इमरजेंसी में ही धरने पर बैठ गए. काफी देर कर्मचारियों ने समझाने का प्रयास किया और पीजीआई निदेशक डाॅ, आर.के. धीमान को सूचना दी. सुबह चार बजे निदेशक डॉ. आरके धीमन और सीएमएस डॉ. संजय धीराज इमरजेंसी पहुंचे. निदेशक मामले की जांच के आदेश दिए. इसके बाद पूर्व सांसद बेटे का शव लेकर घर के लिए रवाना हो गए.

पीजीआई के निदेशक डॉ. आर. के. धीमान ने बताया कि सांसद के बेटे की पहले से ही तबीयत गंभीर थी. जब वह पीजीआई के इमरजेंसी भर्ती कराने पहुंचे तो उन्हें आईसीयू बेड की जरूरत थी. आईसीयू बेड खाली न होने की वजह से इमरजेंसी के तैनात डॉक्टर ने उन्हें जानकारी दी, लेकिन डॉक्टर ने इलाज नहीं शुरू किया. जो गलत है, टीम गठित की गई है. जिसकी रिपोर्ट आज जानी है. रिपोर्ट आने के बाद इमरजेंसी में तैनात दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई तय की जाएगी.

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Last Updated : Oct 30, 2023, 12:22 PM IST

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